विक्रम 3201: भारत का पहला पूर्ण स्वदेशी 32-बिट स्पेस माइक्रोप्रोसेसर

सेमिकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में भारत ने अपने पहले पूर्णत: स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर “विक्रम 3201” का अनावरण किया, जो अंतरिक्ष अभियानों के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है। इस तकनीकी उपलब्धि ने भारत को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम और आगे बढ़ा दिया है।

क्या है विक्रम 3201 माइक्रोप्रोसेसर?

विक्रम 3201 एक अंतरिक्ष-ग्रेड 32-बिट सेमीकंडक्टर माइक्रोप्रोसेसर है, जिसे इसरो और सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी (SCL), चंडीगढ़ द्वारा मिलकर विकसित किया गया है। यह चिप अत्यधिक तापमान (–55°C से +125°C) और विकिरण जैसे कठोर अंतरिक्षीय वातावरण को झेलने में सक्षम है। इसका मुख्य कार्य रॉकेट्स और सैटेलाइट्स की नेविगेशन, नियंत्रण और मिशन प्रबंधन से जुड़ा हुआ है।

विक्रम 1601 से विक्रम 3201 तक: तकनीकी उन्नति

2009 से इसरो के प्रक्षेपण यानों में प्रयुक्त हो रहे 16-बिट विक्रम 1601 के स्थान पर अब विक्रम 3201 लाया गया है। यह नया संस्करण कई उन्नत तकनीकी विशेषताओं से लैस है:

  • 32-बिट आर्किटेक्चर: अधिक डेटा को अधिक गति और सटीकता से संसाधित करता है।
  • 64-बिट फ्लोटिंग प्वाइंट ऑपरेशन: रॉकेट की मार्गदर्शन गणनाओं के लिए अत्यंत आवश्यक।
  • Ada प्रोग्रामिंग भाषा का समर्थन: सुरक्षा-संवेदनशील एयरोस्पेस प्रणालियों में व्यापक रूप से प्रयुक्त।
  • 1553B बस इंटरफेस: अन्य एवीओनिक्स मॉड्यूल्स से विश्वसनीय संपर्क सुनिश्चित करता है।

इस चिप का निर्माण SCL, चंडीगढ़ में 180-नैनोमीटर CMOS तकनीक पर किया गया है — जो अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए विश्वसनीय मानी जाती है।

अंतरिक्ष में सफल परीक्षण

विक्रम 3201 को पहले ही अंतरिक्ष में परीक्षण किया जा चुका है। यह PSLV-C60 मिशन के दौरान प्रयोग किया गया, जहाँ इसने मिशन मैनेजमेंट कंप्यूटर के रूप में सफलतापूर्वक कार्य किया। इस उड़ान के दौरान मिले सकारात्मक परिणामों के आधार पर इसरो अब इसके व्यापक उपयोग की दिशा में बढ़ रहा है।

साथ में पेश किए गए अन्य स्वदेशी उपकरण

विक्रम 3201 के साथ-साथ इसरो ने चार और स्वदेशी उपकरण भी पेश किए:

  • दो प्रकार के Reconfigurable Data Acquisition Systems (RDAS)
  • एक Relay Driver IC
  • एक Multi-Channel Low Drop-out Regulator IC

ये सभी उपकरण प्रक्षेपण यान की एवीओनिक्स को मिनिएचराइज करने में मदद करेंगे और भारत की आयात पर निर्भरता को घटाएंगे।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • विक्रम 3201: भारत का पहला स्वदेशी 32-बिट प्रोसेसर, विशेष रूप से रॉकेट्स के लिए डिजाइन किया गया।
  • Ada भाषा: एयरोस्पेस और रक्षा प्रणालियों में प्रयुक्त सुरक्षा-उन्मुख प्रोग्रामिंग भाषा।
  • SCL, चंडीगढ़: भारत सरकार का अर्धचालक निर्माण केंद्र जहाँ विक्रम 3201 बना।
  • PSLV-C60 मिशन: वह अभियान जिसमें विक्रम 3201 का सफल अंतरिक्ष परीक्षण किया गया।

विक्रम 3201 केवल एक माइक्रोचिप नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। यह चिप न केवल अंतरिक्ष अभियानों में देश की क्षमता को सशक्त बनाएगी, बल्कि विदेशी आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भरता को भी कम करेगी। साथ ही, इसरो द्वारा इसके चारों ओर विकसित किया गया संपूर्ण सॉफ़्टवेयर इकोसिस्टम भारत को हार्डवेयर के साथ-साथ सॉफ्टवेयर क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बना रहा है। यह एक सशक्त भारत की नींव का प्रतीक है।

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