विकसित भारत की ओर: ई-गवर्नेंस में नागरिक सेवा और डिजिटल परिवर्तन

भारत में ई-गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए, प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग (DARPG) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा, आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से 28वीं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन (NCeG) 2025 का आयोजन 22-23 सितंबर को विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में किया गया। इस वर्ष का विषय “विकसित भारत: नागरिक सेवा और डिजिटल परिवर्तन” रखा गया है, जो भारत को डिजिटल रूप से सशक्त और सेवा-केंद्रित राष्ट्र बनाने की दिशा में केंद्रित है।
यह दो दिवसीय सम्मेलन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन. चंद्रबाबू नायडू और भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह द्वारा उद्घाटित किया गया। साथ ही इस अवसर पर राज्य के उप मुख्यमंत्री श्री पवन कल्याण एवं आईटी मंत्री श्री एन. लोकेश की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
डिजिटल परिवर्तन की दिशा में सम्मेलन की भूमिका
इस सम्मेलन का उद्देश्य सरकारी अधिकारियों, तकनीकी विशेषज्ञों और शिक्षाविदों को एक मंच पर लाकर, ई-गवर्नेंस में नवाचार और परिवर्तनकारी पहलों पर विचार-विमर्श करना है। छह प्लेनरी और छह ब्रेकआउट सत्रों में 70 से अधिक विशेषज्ञों ने विभिन्न उप-विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जिनमें शामिल हैं:
- विशाखापत्तनम को आईटी हब बनाना
- एआई के माध्यम से समावेशी डिजिटल भारत
- साइबर सुरक्षा और डिजिटल संप्रभुता
- डिजिटल कृषि समाधान – एग्री स्टैक
- ग्राम पंचायतों में नवाचार
- अंतरराष्ट्रीय सबसी केबल्स और डेटा सेंटर की भूमिका
इन विषयों के माध्यम से भारत में सुरक्षित, सतत और समावेशी ई-सेवा वितरण की दिशा में सहयोग और रणनीतियाँ विकसित की गईं।
ई-गवर्नेंस राष्ट्रीय पुरस्कार 2025
सम्मेलन के दौरान, छह श्रेणियों में उत्कृष्ट डिजिटल पहलों को सम्मानित किया गया। कुल 19 पुरस्कार वितरित किए गए, जिनमें 10 स्वर्ण, 6 रजत और 3 विशेष निर्णायक पुरस्कार शामिल थे। ये पुरस्कार केंद्र, राज्य, जिला प्रशासन, ग्राम पंचायतों और शैक्षणिक संस्थानों को उनकी नवोन्मेषी परियोजनाओं के लिए प्रदान किए गए।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन की शुरुआत 2003 में हुई थी।
- DARPG और MeitY, भारत सरकार के प्रमुख ई-गवर्नेंस नीति निर्माता विभाग हैं।
- विशाखापत्तनम को डिजिटल बुनियादी ढांचे के लिए रणनीतिक हब माना जा रहा है।
- एग्री स्टैक परियोजना भारत में कृषि डेटा के डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल है।