विकसित कृषि संकल्प अभियान: किसानों के लिए आधुनिक कृषि का नया संकल्प

देशभर में 29 मई 2025 से 12 जून 2025 तक चलने वाला ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ किसानों और वैज्ञानिकों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने की एक महत्त्वपूर्ण पहल है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पुरी, ओडिशा से इस अभियान का शुभारंभ किया जाएगा, जिसमें वे स्वयं 20 राज्यों का दौरा करेंगे और किसानों से सीधे संवाद करेंगे।
अभियान का उद्देश्य और कार्यान्वयन
इस 15-दिवसीय अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को क्षेत्रीय स्तर पर प्रमुख खरीफ फसलों के लिए आधुनिक तकनीकों की जानकारी देना, सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग के माध्यम से संतुलित उर्वरक प्रबंधन को प्रोत्साहित करना, और किसानों से फीडबैक लेकर अनुसंधान की दिशा तय करना है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और कृषि मंत्रालय के सहयोग से यह अभियान 700 से अधिक जिलों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs), 113 ICAR संस्थान, और राज्य सरकारों के कृषि, बागवानी, पशुपालन, और मत्स्य पालन विभागों के अधिकारी भाग लेंगे।
उत्तर प्रदेश में IIVR की भूमिका
वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) इस अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के छह जिलों—वाराणसी, संत रविदास नगर, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, और कुशीनगर—में लगभग 47,000 किसानों तक पहुंचने की योजना बना रहा है। वैज्ञानिकों की टीमें किसानों को जल्दी पकने वाली, रोग-प्रतिरोधी, और पोषक सब्जी किस्मों के बारे में जानकारी देंगी, साथ ही पोषण वाटिका और किचन गार्डन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।
जलवायु परिवर्तन और सतत कृषि पर जोर
अभियान के दौरान वैज्ञानिक किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों जैसे अनियमित वर्षा, तापमान वृद्धि, और सूखे की स्थितियों के बारे में सरल भाषा में समझाएंगे। साथ ही, किसानों को जल संरक्षण तकनीकों, मिश्रित खेती, और जलवायु-प्रतिरोधी फसल किस्मों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
कीट प्रबंधन और जैविक उपायों का प्रोत्साहन
कृषि रसायनों के अत्यधिक उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जाएगी, और किसानों को एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM), जैविक विधियों, फेरोमोन ट्रैप्स, और नीम-आधारित कीटनाशकों को अपनाने की सलाह दी जाएगी।
फसल कटाई के बाद प्रबंधन और विपणन
सब्जियों में 30-40% नुकसान फसल कटाई के बाद होता है। इसे कम करने के लिए शून्य ऊर्जा कूल चैंबर, बेहतर पैकेजिंग, और उचित परिवहन जैसी कम लागत वाली तकनीकों को अपनाने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा, किसानों को किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के माध्यम से सामूहिक विपणन, मूल्य संवर्धन, और ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ जैसी सरकारी योजनाओं के लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- अभियान की अवधि: 29 मई से 12 जून 2025 तक।
- कवरेज: 700 से अधिक जिलों में 65,000 से अधिक गांवों का दौरा।
- भागीदारी: 8,000 से अधिक वैज्ञानिक और 2,170 विशेषज्ञ टीमें।
- प्रमुख संस्थान: 731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs), 113 ICAR संस्थान।
- लक्ष्य: 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद।
- प्रमुख योजनाएं: मृदा स्वास्थ्य कार्ड, ऑपरेशन ग्रीन्स, राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन।
यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “लैब टू लैंड” दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि और कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने का प्रयास किया जा रहा है।