वाराणसी में शुरू हुआ DSR सम्मेलन 2025: जलवायु-हितैषी चावल उत्पादन की दिशा में नया कदम

वाराणसी स्थित इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट साउथ एशिया रीजनल सेंटर (ISARC) में रविवार से तीन दिवसीय डायरेक्ट-सीडेड राइस (DSR) कॉन्क्लेव 2025 की शुरुआत हुई। इस सम्मेलन का उद्देश्य है — चावल उत्पादन की पारंपरिक विधियों से आगे बढ़कर जलवायु-स्थिर, जल-संवेदनशील और अधिक लाभकारी तकनीकों को बढ़ावा देना।
क्या है डायरेक्ट-सीडेड राइस (DSR) प्रणाली?
डायरेक्ट-सीडेड राइस विधि में धान की पारंपरिक ‘पैदावार-रोपाई’ प्रणाली की जगह बीजों को सीधे खेत में बोया जाता है। यह तरीका कम पानी, कम श्रम और कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के साथ चावल की पैदावार को बनाए रखता है।
DSR की विशेषताएं और लाभ
विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत अध्ययनों में बताया गया:
- पानी की खपत में 20–40% की कमी
- श्रम की मांग में 25–30% की कटौती
- मीथेन उत्सर्जन में 40% तक की कमी
- उत्पादन क्षमता बनी रहती है या बढ़ती है
- कृषक लाभ में सुधार
Yvonne Pinto, IRRI की महानिदेशक और उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रही थीं, ने कहा, “DSR अब भविष्य की कल्पना नहीं बल्कि वर्तमान की आवश्यकता और समाधान है।” उन्होंने वैज्ञानिक शोध, नीतियों और व्यावसायिक मॉडल के समन्वय से इसे “उत्तरदायी और समावेशी” रूप में बड़े स्तर पर लागू करने की जरूरत पर बल दिया।
DSR को बढ़ाने के लिए ज़रूरी कदम
भारत, कंबोडिया, वियतनाम और श्रीलंका से विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए और इन प्रमुख बातों को रेखांकित किया:
- मशीनरी और मैकेनाइजेशन का विस्तार
- प्रिसिजन एग्रोनॉमी और फसल के अनुकूल तकनीकें
- DSR-अनुकूल चावल की किस्में
- सुधारित जल प्रबंधन रणनीतियाँ
- नीतिगत समर्थन और प्रशिक्षण कार्यक्रम
डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि DSR कंसोर्टियम के Phase III में अब “पायलट परियोजनाओं से व्यापक परिदृश्य तक DSR को विस्तार देने” की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- DSR प्रणाली भारत के उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार जैसे जल संकटग्रस्त राज्यों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
- IRRI (International Rice Research Institute) एक वैश्विक संगठन है जो टिकाऊ धान उत्पादन पर केंद्रित है।
- ISARC की स्थापना वाराणसी में 2017 में हुई थी, जो दक्षिण एशिया में IRRI का प्रमुख केंद्र है।
- मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जो पारंपरिक धान की खेती से प्रमुख रूप से उत्सर्जित होती है।