वाराणसी में भारत की पहली हाइड्रोजन-चालित जल टैक्सी सेवा की शुरुआत
वाराणसी ने भारत के भीतर हरित परिवहन की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ते हुए देश की पहली हाइड्रोजन-चालित जल टैक्सी सेवा का शुभारंभ किया है। इस सेवा का उद्घाटन नमो घाट से किया गया और यह पहल गंगा किनारे हरित तकनीक को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति का हिस्सा है।
हाइड्रोजन जल टैक्सी की विशेषताएं
यह उन्नत जलयान कोचीन शिपयार्ड में निर्मित हुआ है और इसमें हाइब्रिड इलेक्ट्रिक–हाइड्रोजन इंजन का उपयोग किया गया है जो शून्य उत्सर्जन और न्यूनतम ध्वनि के साथ संचालित होता है।
- हर नाव में 50 यात्रियों की क्षमता है।
- बायो-टॉयलेट, सीसीटीवी कैमरा और शाकाहारी जलपान की व्यवस्था भी onboard है।
- फिलहाल सेवा नमो घाट से रैदास घाट के बीच संचालित हो रही है, भविष्य में इसका विस्तार असी घाट और मार्कंडेय धाम तक किया जाएगा।
संचालन समय और यात्रियों की सुविधा
यह सेवा प्रतिदिन सुबह से शाम तक सात से आठ चक्कर लगाती है।
- हर 1.5 से 2 घंटे के अंतराल पर नाव रवाना होती है जिससे पर्यटकों और स्थानीय यात्रियों दोनों को नियमित सेवा उपलब्ध हो सके।
- जलयान में सौर पैनल भी लगे हैं जो इसकी ऊर्जा दक्षता को और बढ़ाते हैं।
किराया, बोर्डिंग और रियायतें
फिलहाल एकतरफा यात्रा का किराया लगभग ₹500 प्रति व्यक्ति है।
- यात्री नमो घाट और रैदास घाट दोनों से सवार हो सकते हैं।
- अभी तक छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों या दिव्यांगजनों के लिए कोई विशेष रियायत नहीं दी गई है, परंतु इच्छुक यात्री नमो घाट टिकट काउंटर से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत की पहली हाइड्रोजन-चालित जल टैक्सी वाराणसी में शुरू की गई।
- नाव हाइब्रिड इलेक्ट्रिक–हाइड्रोजन इंजन पर चलती है और शून्य उत्सर्जन करती है।
- हर जल टैक्सी की क्षमता लगभग 50 यात्री है।
- एकतरफा यात्रा के लिए वर्तमान किराया लगभग ₹500 है।
बुकिंग कैसे करें
यात्रा के लिए टिकट स्थानीय बोट बुकिंग पोर्टलों, या जलक्रीड़ा सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों (जैसे जश्न क्रूज़ लाइन) के फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से बुक की जा सकती है।
- ऑनलाइन भुगतान करने पर बुकिंग की पुष्टि मिलती है।
- यात्री को बोर्डिंग घाट पर रसीद प्रस्तुत करनी होती है।
- जल्द ही इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा समर्पित बुकिंग सिस्टम भी लॉन्च किया जाएगा।
यह पहल वाराणसी को हरित परिवहन के क्षेत्र में अग्रणी बनाती है और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता का प्रतीक है। साथ ही यह जलमार्गों के सतत उपयोग और पर्यटन के क्षेत्र में भी नया आयाम जोड़ती है।