वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा की
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा की है। यह 1 अप्रैल, 2021 से लागू होगी। इस व्यापार नीति का उद्देश्य भारत को 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाना है।
मुख्य विशेषताएं
- डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब नई विदेश व्यापार नीति में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
- इस नीति का उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना है।
- यह व्यापार करने में आसानी को बढ़ाएगा।
- यह नीति बुनियादी ढांचे के समर्थन के माध्यम से घरेलू विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के संचालन में सुधार लाएगी।
- नीति नियामक और परिचालन ढांचे में बदलाव लाएगी और लेनदेन की लागत को कम करेगी।
भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार
बांग्लादेश, ब्रिटेन, अमेरिका, भूटान, संयुक्त अरब अमीरात, स्विट्जरलैंड, सऊदी अरब, स्विट्जरलैंड, इजरायल, नेपाल, सिंगापुर, हांगकांग, जर्मनी, इराक भारत के प्रमुख व्यापारिक भागीदर हैं। दवाइयां भारत का सबसे प्रमुख निर्यात है।
भारत ने किस वर्ष तक 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर का लक्ष्य प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है?
2024
5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा?
- कम रोजगार।
- कृषि में मंदी
- वित्त पोषण के मुद्दे
- बुनियादी ढाँचे के विकास की धीमी गति
- निर्यात के मुद्दे
पिछली विदेश व्यापार नीति
पिछली विदेश व्यापार नीति 2015 और 2020 के बीच लागू की गई थी। इस नीति का उद्देश्य “मेक इन इंडिया” पहल को बढ़ावा देना था। इस पॉलिसी ने “मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम” (MEIS) के तहत पांच अलग-अलग योजनाओं का विलय किया था।
Originally written on
January 13, 2021
and last modified on
January 13, 2021.