वरिष्ठ आईएएस अधिकारी महंतेश बिलगी का सड़क दुर्घटना में निधन

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी महंतेश बिलगी का सड़क दुर्घटना में निधन

कर्नाटक कैडर के वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी महंतेश बिलगी का सोमवार को कलबुर्गी जिले में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। 51 वर्षीय अधिकारी अपने दो परिजनों के साथ यात्रा कर रहे थे जब गौनहल्ली गांव के पास उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में उनके साथ मौजूद शंकर बिलगी और एरन्ना बिलगी की भी मृत्यु हो गई।

दुर्घटना का विवरण

महंतेश बिलगी अपने एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने जा रहे थे जब यह हादसा हुआ। टक्कर इतनी भीषण थी कि वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। सभी घायलों को तत्काल कलबुर्गी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ इलाज के दौरान महंतेश बिलगी ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

प्रशासनिक कार्यकाल और योगदान

अपनी मृत्यु के समय महंतेश बिलगी कर्नाटक स्टेट मिनरल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने अपने प्रशासनिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें बेंगलुरु इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (BESCOM) के प्रबंध निदेशक और विभिन्न जिलों में जिला पंचायतों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) शामिल हैं। वे कई जिलों में जिलाधीश (कलेक्टर) के रूप में भी अपनी सेवाएँ दे चुके थे। अपने कार्यकाल के दौरान वे ईमानदार, कुशल और जनसेवा के प्रति समर्पित अधिकारी के रूप में पहचाने जाते थे।

राज्य नेतृत्व की संवेदनाएँ

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने महंतेश बिलगी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रशासनिक ईमानदारी और दक्षता की मिसाल पेश की। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने उन्हें एक समर्पित जनसेवक बताया, जिन्होंने हर पद पर उल्लेखनीय कार्य किया। दोनों नेताओं ने इसे समाज और प्रशासन के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • आईएएस अधिकारी महंतेश बिलगी की आयु 51 वर्ष थी।
  • वे कर्नाटक स्टेट मिनरल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
  • दुर्घटना कलबुर्गी जिले के गौनहल्ली गांव के पास हुई।
  • उन्होंने पूर्व में BESCOM के एमडी और कई जिला पंचायतों के सीईओ के रूप में भी कार्य किया था।

महंतेश बिलगी का प्रशासनिक जीवन निष्ठा, पारदर्शिता और जनहित के प्रति समर्पण का उदाहरण रहा है। उनकी असमय मृत्यु से न केवल राज्य प्रशासन बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में गहरा शोक व्याप्त है। उनकी स्मृति आने वाले समय में जनसेवा के आदर्श के रूप में प्रेरणा देती रहेगी।

Originally written on November 26, 2025 and last modified on November 26, 2025.

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