वन्यजीव सप्ताह 2025: मानव–वन्यजीव सहअस्तित्व की दिशा में भारत की नई पहल

वन्यजीव सप्ताह 2025: मानव–वन्यजीव सहअस्तित्व की दिशा में भारत की नई पहल

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (IGNFA) के ऐतिहासिक हरी सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित वन्यजीव सप्ताह 2025 के समापन समारोह की अध्यक्षता की। इस वर्ष का विषय था — “मानव–वन्यजीव सहअस्तित्व (Human–Wildlife Coexistence)”, जो प्रकृति और मानव के बीच संतुलन और समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश देता है।

सहयोगी संस्थानों की भागीदारी और उद्देश्य

यह आयोजन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा वन्यजीव संस्थान (WII), भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (ICFRE), IGNFA, और वन अनुसंधान संस्थान (FRI) के सहयोग से आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य था — संरक्षण प्रयासों को संस्थागत सहयोग, नवाचार, और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से सशक्त बनाना।मंत्री यादव ने अपने संबोधन में कहा कि “वन्यजीव संरक्षण केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि यह प्रकृति और मनुष्य के बीच सामंजस्य बनाए रखने की साझा जिम्मेदारी है।” उन्होंने सभी हितधारकों से “संघर्ष से सहअस्तित्व” की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।

भारत में पाँच नई राष्ट्रीय परियोजनाओं की शुरुआत

इस अवसर पर देश के वन्यजीव प्रबंधन इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पाँच राष्ट्रीय परियोजनाएँ शुरू की गईं —

  1. प्रोजेक्ट डॉल्फिन (फेज-II) – नदी और समुद्री डॉल्फिन संरक्षण के लिए निगरानी और सुरक्षा को सशक्त बनाना।
  2. प्रोजेक्ट स्लॉथ बियर – भालुओं के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय कार्यान्वयन ढाँचा तैयार करना।
  3. प्रोजेक्ट घड़ियाल – घड़ियाल संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वयन योजना की शुरुआत।
  4. मानव–वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र (CoE–HWC) – इसे SACON में स्थापित किया जाएगा, जो नीति निर्माण, अनुसंधान और जमीनी स्तर पर संघर्ष निवारण में नेतृत्व करेगा।
  5. टाइगर्स आउटसाइड टाइगर रिजर्व्स पहल – संरक्षित क्षेत्रों के बाहर बाघ-मानव संघर्ष को कम करने हेतु सामुदायिक भागीदारी और तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहन देना।

वन्यजीव जनसंख्या आकलन और निगरानी कार्यक्रम

मंत्री ने चार राष्ट्रीय स्तर के वन्यजीव जनसंख्या आकलन कार्यक्रम भी शुरू किए:

  • दूसरा रिवर डॉल्फिन और सेटेशियन आकलन चक्र, जिसमें नया फील्ड गाइड जारी किया गया।
  • ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन – साइकिल 6, जिसे आठ भारतीय भाषाओं में प्रकाशित किया गया।
  • हिम तेंदुए के दूसरे आकलन चक्र के लिए कार्ययोजना।
  • ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और लेसर फ्लोरिकन की जनसंख्या रिपोर्ट की प्रगति समीक्षा।

नवाचार और युवा सहभागिता: राष्ट्रीय हैकाथॉन

वन्यजीव सप्ताह के दौरान आयोजित राष्ट्रीय हैकाथॉन ऑन ह्यूमन–वाइल्डलाइफ कोएक्सिस्टेंस (HWC) इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण रहा। इसमें 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 75 संस्थानों से 420 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने एआई-आधारित उपकरणों, स्पैटियल एनालिटिक्स, और सामुदायिक सहभागिता मॉडल्स के माध्यम से वास्तविक समय में संघर्ष समाधान के अभिनव उपाय प्रस्तुत किए। शीर्ष तीन टीमों को नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • वन्यजीव सप्ताह हर वर्ष 2 से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है।
  • भारत का पहला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में लागू किया गया था।
  • भारत में 54 टाइगर रिजर्व, 18 बायोस्फीयर रिजर्व, और 990 से अधिक संरक्षित क्षेत्र हैं।
  • प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत 1973 में और प्रोजेक्ट डॉल्फिन की घोषणा 2020 में की गई थी।
Originally written on October 8, 2025 and last modified on October 8, 2025.

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