वक़्फ़ संपत्तियों के लिए ‘उम्मीद’ पोर्टल का शुभारंभ: पारदर्शिता और डिजिटल प्रबंधन की दिशा में एक कदम

भारत सरकार 6 जून 2025 को ‘उम्मीद’ (Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency, and Development) पोर्टल का शुभारंभ करने जा रही है। यह पोर्टल देशभर में वक़्फ़ संपत्तियों के पंजीकरण और प्रबंधन को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025: प्रमुख प्रावधान

  • डिजिटल पंजीकरण की अनिवार्यता: सभी वक़्फ़ संपत्तियों को छह महीने की समयसीमा में ‘उम्मीद’ पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य होगा। पंजीकरण में संपत्ति के सटीक माप और जियोटैगिंग विवरण शामिल होंगे।
  • विवाद समाधान प्रक्रिया: निर्धारित समयसीमा के भीतर पंजीकरण न होने पर संपत्तियों को विवादित माना जाएगा और उन्हें वक़्फ़ ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
  • महिला-केंद्रित प्रावधान: महिलाओं के नाम पर पंजीकृत संपत्तियों को वक़्फ़ घोषित नहीं किया जा सकेगा, लेकिन महिलाएं, बच्चे और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) लाभार्थियों के रूप में पात्र रहेंगे।
  • अपील की व्यवस्था: वक़्फ़ ट्रिब्यूनलों के निर्णयों के खिलाफ उच्च न्यायालय में 90 दिनों के भीतर अपील की जा सकेगी, जिससे न्यायिक निगरानी सुनिश्चित होगी।

‘उम्मीद’ पोर्टल की विशेषताएं

  • केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म: यह पोर्टल वक़्फ़ संपत्तियों के पंजीकरण और नियमन के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल मंच प्रदान करेगा।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही: पोर्टल के माध्यम से संपत्तियों की पारदर्शी निगरानी और प्रबंधन संभव होगा, जिससे लंबे समय से चले आ रहे विवादों का समाधान हो सकेगा।
  • उपयोगकर्ता सहायता सेवाएं: पोर्टल पर उपयोगकर्ताओं को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और कानूनी सुरक्षा उपायों की जानकारी प्रदान की जाएगी।
  • नीति-स्तरीय अंतर्दृष्टि: वास्तविक समय के डेटा और जियोटैग्ड मैपिंग के माध्यम से नीति-निर्माण में सहायता मिलेगी।

संभावित चुनौतियाँ और प्रतिक्रियाएँ

हालांकि सरकार का उद्देश्य वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाना है, लेकिन कुछ धार्मिक और कानूनी विशेषज्ञों ने इस अधिनियम को भारत की धर्मनिरपेक्ष संरचना पर सीधा हमला बताया है। उनका कहना है कि यह कानून कुछ समुदायों को हाशिए पर डाल सकता है और अधिक संवाद और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

‘उम्मीद’ पोर्टल और वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025, वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसके सफल कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों के बीच संवाद और सहयोग आवश्यक होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह पहल सभी समुदायों के हित में हो और किसी के अधिकारों का उल्लंघन न हो।

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