लोथल में बनेगा राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर: भारत की प्राचीन बंदरगाह संस्कृति को मिलेगा नया जीवन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद जिले में लोथल स्थित राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर (National Maritime Heritage Complex – NMHC) की प्रगति की समीक्षा करेंगे। यह परियोजना न केवल भारत की प्राचीन समुद्री परंपरा का जीवंत चित्रण है, बल्कि पर्यटन, शिक्षा और शोध का एक अभिनव संगम भी बनने जा रही है।

5,000 वर्ष पुराना बंदरगाह फिर होगा जीवित

लोथल, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख व्यापारिक और जहाज मरम्मत केंद्र था। आज, 4,500 करोड़ रुपये की लागत से इसे एक अत्याधुनिक सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल के रूप में पुनर्जीवित किया जा रहा है। इस परिसर में इतिहास, अनुसंधान, शिक्षा और मनोरंजन का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलेगा।

परियोजना की मुख्य विशेषताएँ

  • दुनिया का सबसे ऊंचा लाइटहाउस म्यूज़ियम: 77 मीटर ऊँचा, जिसकी 65 मीटर ऊँचाई पर एक ओपन गैलरी होगी, जहाँ से पूरे परिसर का दृश्य देखा जा सकेगा।
  • प्रसिद्ध लोथल का पुनर्निर्माण: Lothal Mini Recreation के तहत हड़प्पा काल की वास्तुकला और जीवनशैली को जीवंत रूप में दर्शाया जाएगा।
  • चार थीम पार्क:

    • स्मारक थीम पार्क
    • नौसेना एवं समुद्री थीम पार्क
    • जलवायु थीम पार्क
    • साहसिक और मनोरंजन थीम पार्क
  • अन्य सुविधाएँ: एक फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, 100-कमरों वाला टेंट सिटी और रिसॉर्ट, और ई-कार परिवहन सुविधा।
  • भूमि आवंटन: गुजरात सरकार ने इस परियोजना के लिए 375 एकड़ भूमि आवंटित की है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • लोथल सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्राचीन बंदरगाह स्थल था।
  • NMHC की अनुमानित लागत ₹4,500 करोड़ है।
  • परिसर में विश्व का सबसे बड़ा अंडरवाटर थीम ओपन गैलरी भी होगी।
  • एक समुद्री विश्वविद्यालय की स्थापना भी की जाएगी, जहाँ विशेष डिग्रियाँ और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम होंगे।

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