लॉर्ड विलियम बैंटिक

लॉर्ड विलियम बैंटिक
- लॉर्ड विलियम बैंटिक 1828 से 1835 तक भारत का गवर्नर जनरल रहा। उसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य सती प्रथा का अंत था।
- उसके काल में एंग्लो-बर्मा युद्ध के कारण ईस्ट इंडिया कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, उसने कंपनी की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कार्य किए।
- उसने कंपनी का खर्च 15 लाख स्टर्लिंग वार्षिक तक घटा दिया, मालवा में अफीम पर कर लगाया और कर व्यवस्था को मजबूत किया।
- उसने अपने काल में कई सामाजिक सुधार किए। उसमें सतीप्रथा और ठगी का अंत प्रमुख था।
- सतीप्रथा पर पहली रोक 1515 में पुर्तगालियों ने गोवा में लगाई, हालांकि इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद 1798 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने कुछ हिस्सों में सती प्रथा पर रोक लगाई।
- राजा राममोहन राय ने 1812 से सती प्रथा के विरोध में आंदोलन शुरू किया, जिसके कारण 1829 में सती प्रथा पर रोक लगाई गई।
- राजपूताना में यह रोक बाद में लगी, जयपुर स्टेट ने 1846 में सती प्रथा पर रोक लगाई।
- उसने ठगों पर रोक लगाई। ठग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के स्थग से हुई है जिसका अर्थ होता है धूर्त। ठग प्राचीन भारत में लुटेरे होते थे। ठगों की शुरुआत मुस्लिम आक्रमणों के बाद हुई थी। ये लोग तीर्थयात्रियों या व्यापारियों की तरह चलते थे और लोगों को लूटकर उनकी हत्या कर देते थे। एक अनुमान के अनुसार ठगों ने भारत में लाखों लोगों की हत्याएं की थी।
- ठगी पर रोक लगाने वाला योग्य अधिकारी विलियम हेनरी स्लीमैन था। स्लेमैन ने 1400 से अधिक ठगों को पकड़ा था। इसी प्रकार हजारों ठगों को पकड़ा गया, कई को फांसी दी गयी और कई को कारागार में बंद कर दिया गया।
- ठगों को पकड़ने के लिए कई तकनीकि लाई गईं और जागरूकता फैलाई गयी जिस कारण ठगी पर रोक सफल हुई।
- उसने अपने न्यायिक सुधारों के लिए जाना जाता है। उसने बिहार, बंगाल और उड़ीसा को 4 भागों में बांटा और कलकत्ता, मुर्शिदाबाद, ढाका और पटना में 4 कोर्ट की स्थापना की गयी।
- उसने बंगाल प्रेसीडेंसी को 20 भागों में बांटा और प्रत्येक भाग में एक कमिश्नर नियुक्त किया।
- इलाहाबाद (प्रयागराज) में दीवानी और सदर निजामी अदालत शुरू की।
- मुंसिफ़ो और सदर अमीनों की नियुक्ति की गयी।
Originally written on
March 20, 2019
and last modified on
March 20, 2019.