लॉर्ड केनिंग

लॉर्ड केनिंग 1856 से 1862 तक भारत का गवर्नर जनरल रहा, लेकिन भारत सरकार अधिनियम, 1858 के तहत उसे भारत का वाइसराय बनाया गया, इस प्रकार वो भारत का पहला वाइसराय बना। उसके काल में 1857 में पहला स्वतन्त्रता संग्राम हुआ, अंग्रेजों ने इसे दबा दिया लेकिन इससे ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत हो गया और भारत सीधे ब्रिटिश नियंत्रण में आ गया। 1 नवंबर 1858 को उसने रानी विक्टोरिया का घोषणा पत्र जारी किया।

रानी विक्टोरिया का घोषणा पत्र
ईस्ट इंडिया कंपनी के देसी राज्यों के साथ समझौते को पहले की तरह मान्य किया गया। ईस्ट इंडिया कंपनी का कोई विस्तार नहीं किया गया।
देसी राजकुमारों का अधिकार, सम्मान बरकरार रखा जाएगा। हत्या में लिप्त आरोपियों को छोडकर सभी को छोड़ दिया जाएगा।
शांति और अच्छी सरकार की स्थापना की जाएगी।

ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत
ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत 1 सितंबर 1858 किया गया।

भारत सरकार अधिनियम
2 अगस्त 1858 को भारत सरकार अधिनियम पारित किया गया जो 1 नवंबर 1858 को अस्तित्व में आया। कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर की जगह राज्य का सचिव बनाया जाएगा जो ब्रिटिश संसद का सदस्य भी होगा। सचिव 15 लोगों की समिति द्वारा सलाह दिया जाएगा। इन 15 लोगों की समिति में आधे से ज्यादा भारत में 10 वर्ष से अधिक गुजार चुके होंगे। संसद राज्य के सचिव से सवाल पूछ सकेगी। गवर्नर जनरल की जगह भारत में वाइसराय होगा जो देश का प्रशासन चलाएगा। जो राज्य के सचिव को जवाबदेह होगा।

भारतीय समाज सेवा अधिनियम, 1861
भारतीय समाज सेवा अधिनियम, 1861 के तहत यह निश्चय किया गया कि कोई भी यूरोपीय या भारतीय, जो समाज सेवा में कार्य करना चाह रहा हो, वो भारत में कम से कम 7 वर्ष रह चुका होगा। इसके अलावा उसे एक परीक्षा भी पास करनी होगी।

उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861
उसने सुपीम कोर्ट, सदर अदालत के दबाव को घटाने के लिए उच्च न्यायालय कि स्थापना की। इसमें 1 सर्वोच्च न्यायाधीश और अन्य अधिकतम 15 न्यायाधीशों का फैसला लिया गया। 1 जुलाई 1862 को फोर्ट विलियम में उच्च न्यायालय की स्थापना की गयी जिसके मुख्य न्यायाधीश सर बार्नेस पीकॉक थे। जस्टिस शंभू नाथ पंडित 1863 में न्यायाधीश बनने वाले पहले भारतीय बने। 14 अगस्त 1862 को बॉम्बे उच्च न्यायालय और 26 जून 1862 को मद्रास उच्च न्यायालय की स्थापना की गयी।

IPC, 1862
उसने 1862 में इंडियन पैनल कोड को लागू किया जो 1830 में लॉर्ड मैकाले द्वारा प्रस्तुत किया गया।

अन्य
उसने ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना को ब्रिटिश सेना में मिला दिया। यूरोपीय सैनिकों की संख्या बधाई गयी और भारतीय सैनिकों की सेना घटाई गयी। तोपें यूरोपीय हाथों में भेजी गईं। उसने 1859 में बंगाल रेंट एक्ट पारित किया। 1857 में बॉम्बे, मद्रास और कलकत्ता में विश्वविद्यालयों की स्थापना की गयी। इसके अलावा 1861 में कलकत्ता और इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) के बीच रेलसेवा शुरू की गयी।

Originally written on March 18, 2019 and last modified on March 18, 2019.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *