लॉजिस्टिक्स में उत्कृष्टता की ओर एक नया कदम: LEAPS 2025 की शुरुआत

केंद्र सरकार ने भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को अधिक कुशल, प्रतिस्पर्धी और स्थायी बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित पीएम गति शक्ति की चौथी वर्षगांठ के कार्यक्रम के दौरान ‘LEAPS 2025’ यानी लॉजिस्टिक्स एक्सीलेंस, एडवांसमेंट एंड परफॉर्मेंस शील्ड का शुभारंभ किया। यह पहल राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) और पीएम गति शक्ति के विज़न के अनुरूप तैयार की गई है।
LEAPS 2025 का उद्देश्य और महत्व
LEAPS 2025 का उद्देश्य भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उत्कृष्टता, नवाचार और नेतृत्व को पहचान देना है। यह न केवल सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को भी मजबूत करेगा। यह कार्यक्रम लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से जुड़े विभिन्न हितधारकों — जैसे कि हवाई, सड़क, समुद्री और रेलवे मालवहन सेवाएं, गोदाम सेवाएं, मल्टीमॉडल परिवहन, एमएसएमई, स्टार्टअप और शैक्षणिक संस्थानों — को एक साझा मंच पर लाता है।
यह पहल न केवल संचालन की दक्षता को बढ़ाने पर बल देती है, बल्कि सस्टेनेबिलिटी, ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) मानकों, और हरित लॉजिस्टिक्स को भी प्रोत्साहित करती है।
कोर लॉजिस्टिक्स श्रेणियाँ:
- हवाई मालवहन सेवा प्रदाता
- सड़क मालवहन सेवा प्रदाता
- समुद्री मालवहन सेवा प्रदाता
- रेलवे मालवहन सेवा प्रदाता
- मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर
- औद्योगिक एवं उपभोग्य वस्तु गोदाम सेवा प्रदाता
- कृषि गोदाम सेवा प्रदाता
अन्य श्रेणियाँ:
- एमएसएमई लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता
- स्टार्टअप (प्रौद्योगिकी और संचालन सेवा प्रदाता)
- लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को बढ़ावा देने वाले शैक्षणिक संस्थान
- ई-कॉमर्स के लिए लॉजिस्टिक्स सेवा
- थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स, फ्रेट फॉरवर्डर, कस्टम ब्रोकर्स आदि
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- PM GatiShakti 2021 में लॉन्च हुआ एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान है जो बुनियादी ढांचे के समन्वित विकास को सुनिश्चित करता है।
- राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (2022) का उद्देश्य भारत की लॉजिस्टिक्स लागत को जीडीपी के 8-10% तक कम करना है।
- LEAPS 2025 भारत सरकार की पहली ऐसी पहल है जो लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्रदान करती है।
- भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की अनुमानित हिस्सेदारी $250 बिलियन से अधिक है और यह लगभग 22 मिलियन लोगों को रोजगार देता है।