लॉजिस्टिक्स दक्षता की दिशा में अग्रसर भारत: LEADS 2025 की शुरुआत

“मेक इन इंडिया” पहल की दसवीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में “लॉजिस्टिक्स ईज़ अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (LEADS) 2025” रिपोर्ट का शुभारंभ किया। यह पहल भारत के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन को राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्तर पर मापने और सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को एक वैश्विक प्रतिस्पर्धी और भविष्य-तैयार लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र में बदलने की दिशा में सहायक सिद्ध होगी।
LEADS 2025 का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सुधार कर “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे अभियानों को मजबूती प्रदान करना है। श्री गोयल ने बताया कि फार्मास्यूटिकल्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भारत का तेज़ी से उभरना इस बात का प्रमाण है कि लॉजिस्टिक्स क्षमता का निर्माण विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए आवश्यक है।

LEADS 2025 की मुख्य विशेषताएं

LEADS सर्वे भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जो राज्यों की लॉजिस्टिक्स क्षमता को मापता है और उन क्षेत्रों की पहचान करता है जहां सुधार की आवश्यकता है। वर्ष 2025 की रिपोर्ट में दो नई विशेषताएं जोड़ी गई हैं:

  • प्रमुख लॉजिस्टिक कॉरिडोरों का मूल्यांकन: 5–7 महत्त्वपूर्ण मार्गों पर यात्रा समय, ट्रक की गति, और प्रतीक्षा समय के आधार पर प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा।
  • API-सक्षम गति विश्लेषण: प्रमुख सड़क मार्गों पर खंड-वार गति का मूल्यांकन आधुनिक तकनीक के माध्यम से किया जाएगा।

इन उपायों से राज्यों को सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे वे अपनी लॉजिस्टिक्स नीतियों को अधिक प्रभावी रूप से सुधार पाएंगे।

लॉजिस्टिक्स और आर्थिक आत्मनिर्भरता

श्री गोयल ने इस बात पर बल दिया कि सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर लॉजिस्टिक्स ढांचे को मजबूत बनाने, लागत को कम करने और आपूर्ति श्रृंखला की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए सतत कार्य कर रही है। यह पहल “आत्मनिर्भर भारत” और “विकसित भारत 2047” के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • LEADS रिपोर्ट की शुरुआत 2018 में हुई थी।
  • भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र $215 अरब का है और 2030 तक यह $500 अरब से अधिक होने की संभावना है।
  • सरकार ने “पीएम गतिशक्ति योजना” के तहत मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स हब्स के विकास की योजना बनाई है।
  • भारत में लॉजिस्टिक्स लागत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 13–14% है, जिसे वैश्विक औसत (8%) के स्तर तक लाने का लक्ष्य है।

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