लैटिन अमेरिका में अफ्रीकी वंशज समुदायों की भूमि पर वनों की कटाई 55% कम: पारंपरिक ज्ञान से जलवायु संकट में समाधान की राह

लैटिन अमेरिका में अफ्रीकी वंशज (Afro-descendant) समुदायों द्वारा संरक्षित भूमि पर वनों की कटाई की दर देश की औसत दर से 55% कम पाई गई है। यह महत्वपूर्ण निष्कर्ष 22 जुलाई 2025 को Nature Communications Earth and Environment पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन से सामने आया है। अध्ययन से पता चलता है कि इन समुदायों की पारंपरिक, टिकाऊ भूमि प्रबंधन पद्धतियाँ न केवल जैव विविधता को सुरक्षित रखती हैं, बल्कि अपूरणीय कार्बन भंडारण में भी अहम भूमिका निभाती हैं।
पारंपरिक ज्ञान और पर्यावरण संरक्षण का अद्भुत संयोजन
अफ्रीकी वंशज समुदाय, जो आज लैटिन अमेरिका की लगभग 25% जनसंख्या हैं, वे मूलतः अफ्रीका से लाए गए गुलामों के वंशज हैं। गुलामी से बचकर इन्होंने दूर-दराज के क्षेत्रों में बसकर प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली अपनाई और पीढ़ियों से चले आ रहे अफ्रीकी पारंपरिक ज्ञान से टिकाऊ भूमि प्रबंधन पद्धतियाँ विकसित कीं।
अध्ययन में पाया गया कि:
- संरक्षित क्षेत्रों के भीतर वनों की कटाई 29% कम थी।
- संरक्षित क्षेत्रों के बाहर यह दर 36% कम थी।
- संरक्षित क्षेत्रों की सीमाओं पर वनों की कटाई 55% कम रही।
जैव विविधता और कार्बन संरक्षण में अग्रणी
इन समुदायों की भूमि में से 57% वैश्विक स्तर पर जैव विविधता की दृष्टि से शीर्ष 5% में आती हैं। साथ ही, ये ज़मीनें 486 मिलियन टन से अधिक irrecoverable carbon का भंडारण करती हैं, जिसे खोने पर जलवायु संकट और गहराएगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- लैटिन अमेरिका में ब्राज़ील, कोलंबिया और सूरीनाम जैसे देशों में लाखों हेक्टेयर अफ्रीकी वंशजों की भूमि अब तक कानूनी मान्यता से वंचित है।
- इस अध्ययन का नेतृत्व Conservation International, Smithsonian Environmental Research Center और MIT के वैज्ञानिकों ने किया।
- अध्ययन को जैव विविधता पर आयोजित 16वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (CoP) में कोलंबिया के काली शहर में प्रस्तुत किया गया।
- ये समुदाय पारंपरिक भूमि उपयोग जैसे सामुदायिक कृषि, जल संरक्षण और जंगलों के अनुष्ठानिक संरक्षण का पालन करते हैं।
नीति निर्माताओं से तीन प्रमुख मांगें
- कानूनी मान्यता: अफ्रीकी वंशजों की भूमि को औपचारिक रूप से मान्यता देने की आवश्यकता है, विशेषकर पनामा, कोस्टा रिका और डोमिनिकन गणराज्य जैसे देशों में।
- वित्तीय सहयोग और शोध: इन समुदायों की जलवायु संरक्षण संबंधी भूमिकाओं को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहयोग और गहन शोध जरूरी हैं।
- वैश्विक नीति में समावेश: इनके टिकाऊ भूमि प्रबंधन को वैश्विक जलवायु और जैव विविधता नीति में शामिल किया जाए।
यह अध्ययन स्पष्ट करता है कि अफ्रीकी वंशज समुदायों की पारंपरिक भूमि उपयोग प्रणाली न केवल उनके सांस्कृतिक अस्तित्व का प्रमाण है, बल्कि यह वैश्विक जलवायु संकट का समाधान भी प्रस्तुत करती है। अब आवश्यकता है कि विश्व समुदाय इन अनुभवों को सम्मानपूर्वक स्वीकार कर, उन्हें नीतिगत भागीदारी और संरक्षण में केंद्रीय स्थान दे।