लुशाई जनजाति

लुशाई जनजाति

लुशाई आदिवासी समुदाय भारत की जनजातियों में से एक है। वे मिजोरम और मणिपुर राज्य में रहते हैं।

लुशाई जनजातियों ने कपड़े पहनने और बाल करने की विशेष शैली भी विकसित की है। इस आदिवासी समुदाय के पुरुष और महिला दोनों अपने बालों को काफी लंबा रखते हैं।

मानवविज्ञानियों के सर्वेक्षण के अनुसार पूरा आदिवासी समाज उच्च शिशु मृत्यु दर होने की समस्या से स्पष्ट है। वो वन वस्तु एकत्र करते हैं और कृषि में निपुण हैं। उनके द्वारा बनाई गई टोकरियों को पूरे मणिपुर राज्य के बाजार में भारी मांग मिली है, जिससे अधिक धन की प्राप्ति सुनिश्चित हुई है। उनकी कलात्मकता को एस्किन, पाइम, पैइकॉन्ग, डाव्रन, टैल्मेन और फावंग नामक टोकरियों के प्रकारों में प्रदर्शित किया गया है।

लुशाई जनजातियों ने तैराकी और शिकार में विशेषज्ञता विकसित की है। वे अच्छे तीरंदाज हैं।

लुखुम लुशाई जनजातियों द्वारा पहनी जाने वाली एक विशेष टोपी है। इसे मुख्य रूप से ‘बांस’ से तैयार किया गया है। इन टोपियों की बुनाई के लिए विशेष खुले हेक्सागोनल बुनाई का उपयोग किया जाता है।

प्रशासनिक सुविधाओं के लिए, ये लुशाई जनजातियाँ छोटे गाँव की कॉलोनियों में रहती हैं। उन्होंने लकड़ी और बांस का उपयोग करके अपने घर बनाए हैं।

इन लुशाई आदिवासी समुदायों द्वारा विभिन्न भाषाएं बोली जा रही हैं। उनमें से लुशाई उनकी मूल भाषा है।

Originally written on July 30, 2019 and last modified on July 30, 2019.

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