लुधियाना में केंद्रीय कृषि मंत्री का दौरा: मक्का अनुसंधान, बाढ़ राहत और स्वदेशी को बढ़ावा

केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पंजाब के लुधियाना स्थित भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIMR) का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान की नवनिर्मित प्रशासनिक इमारत का उद्घाटन किया और मक्का उत्पादन से जुड़े हितधारकों, किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और ग्रामीण विकास योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया।
मक्का: कृषि विविधिकरण की कुंजी
श्री चौहान ने कहा कि भारत गेहूं और चावल उत्पादन में आत्मनिर्भर है, लेकिन कृषि विविधिकरण की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। मक्का, जो खाद्य और औद्योगिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, धान का एक टिकाऊ विकल्प बन सकता है। उन्होंने ICAR-IIMR की भूमिका को सराहते हुए कहा कि संस्थान मक्का की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को बेहतर विकल्प देने में अहम योगदान दे रहा है।
किसानों के लिए राहत और सहायता योजनाएँ
कृषि मंत्री ने पंजाब के किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं:
- ₹74 करोड़ गेहूं बीज के मुफ्त वितरण के लिए स्वीकृत।
- सरसों और अन्य बीज किस्मों के लिए भी वित्तीय सहायता मंजूर।
- PM-किसान सम्मान निधि के तहत ₹222 करोड़ पहले ही 11.09 लाख किसानों को अग्रिम रूप में भेजे जा चुके हैं।
- बागवानी क्षेत्र के प्रभावित किसानों को MIDH (Mission for Integrated Development of Horticulture) के तहत सहायता दी जाएगी।
बाढ़ राहत: पुनर्निर्माण हेतु ₹1,600 करोड़ का पैकेज
श्री चौहान ने बताया कि पंजाब में बाढ़ से हुई क्षति को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अत्यंत चिंतित हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार ने ₹1,600 करोड़ का राहत पैकेज मंजूर किया है:
-
36,703 क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए ₹1.60 लाख प्रति परिवार:
- ₹1.20 लाख घर निर्माण हेतु
- ₹40,000 श्रमिक सहायता और शौचालय निर्माण हेतु
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ICAR-IIMR भारत में मक्का अनुसंधान और विकास का प्रमुख केंद्र है।
- मक्का भारत की तीसरी सबसे बड़ी खाद्यान्न फसल है।
- पीएम-किसान योजना के तहत प्रत्येक पात्र किसान को ₹6,000 प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता मिलती है।
- मिशन MIDH बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की आय में विविधता लाने के लिए शुरू किया गया है।