लखनऊ-सितापुर एनएच-24 का होगा छह लेन में विस्तार
उत्तर प्रदेश की आधारभूत संरचना को नई गति देने के उद्देश्य से “नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI)” ने लखनऊ से सितापुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग-24 (NH-24) के चार लेन से छह लेन में विस्तार को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना न केवल यातायात जाम को कम करेगी बल्कि लखनऊ और आस-पास के पांच ज़िलों को तेज़ और सुरक्षित संपर्क भी प्रदान करेगी।
सुगम और तेज़ यात्रा की दिशा में कदम
वर्तमान में लखनऊ से सितापुर की 80–90 किलोमीटर लंबी दूरी तय करने में लगभग दो से ढाई घंटे लगते हैं, जो कि लगातार ट्रैफिक अवरोधों के कारण होता है। परियोजना के पूर्ण होने के बाद यही दूरी मात्र 60–90 मिनट में तय की जा सकेगी। इसका सीधा लाभ रोजाना यात्रा करने वालों, लॉजिस्टिक्स कंपनियों और लंबे रूट के यात्रियों को मिलेगा।
पांच प्रमुख जिलों को जोड़ेगा यह मार्ग
इस छह लेन विस्तार के हिस्से के रूप में “विज्ञान पथ कॉरिडोर” को विकसित किया जा रहा है, जो लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव और बाराबंकी ज़िलों को बेहतर संपर्क प्रदान करेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) इसे “स्टेट कैपिटल रीजन (SCR)” योजना में सम्मिलित करने की तैयारी कर रहा है, जिससे शहरी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
तकनीकी विवरण और समयसीमा
NHAI अधिकारियों के अनुसार, परियोजना के लिए किसी नई भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं है क्योंकि राजमार्ग के दोनों ओर पहले से ही पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। इससे परियोजना लागत में कमी आएगी। “डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR)” अपने अंतिम चरण में है, और इसके पूरा होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। काम शुरू होने के बाद इसे 12 से 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- • राजमार्ग: एनएच-24 (लखनऊ–सितापुर खंड)
- • लंबाई: 80–90 किमी
- • विस्तार: चार लेन से छह लेन
- • जुड़े जिले: लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, बाराबंकी
- • कार्यदायी संस्था: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI)
- • अनुमानित पूर्णता: 12–18 महीने (निर्माण शुरू होने के बाद)
- • भूमि अधिग्रहण: नहीं आवश्यक
क्यों आवश्यक था यह उन्नयन
एनएच-24 पर प्रतिदिन 40,000 से अधिक वाहन चलते हैं, जो इसकी डिजाइन क्षमता से कहीं अधिक है। पिछले 15 वर्षों में वाहनों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है, जिससे निरंतर ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि यदि समय रहते इसका विस्तार नहीं किया गया, तो यह खंड निकट भविष्य में एक गंभीर सुरक्षा संकट बन सकता है।