लखनऊ में बन रहा नौसेना शौर्य संग्रहालय: यूपी को मिलेगा नया पर्यटन गौरव

लखनऊ में बन रहा नौसेना शौर्य संग्रहालय: यूपी को मिलेगा नया पर्यटन गौरव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में प्रस्तावित ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह संग्रहालय भारतीय नौसेना की वीरता और हिंद महासागर क्षेत्र में उसकी शक्ति को दर्शाने वाला एक अद्वितीय केंद्र बनेगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

संग्रहालय की अनूठी संरचना और सुविधाएँ

संग्रहालय को जहाज के अमूर्त रूप में डिजाइन किया जाएगा, जिसमें शिप रेलिंग, पोर्थोल-स्टाइल खिड़कियाँ, नौसेना वास्तुकला और समुद्री प्रतीकों का उपयोग किया जाएगा। परिसर में निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएँ होंगी:

  • इंटरप्रिटेशन सेंटर और ओपन-एयर मेमोरियल
  • थीमैटिक वॉकवे, प्रदर्शनी दीर्घाएँ, फव्वारे, और लाइट एंड साउंड शो एरीना
  • ऊर्जा-कुशल डिजाइन, जिसमें प्राकृतिक प्रकाश, वेंटिलेशन और हरित निर्माण तकनीकों पर बल होगा

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह संग्रहालय केवल दृश्य प्रदर्शन तक सीमित न रहकर इंटरएक्टिव और अनुभवात्मक होना चाहिए, जिससे आगंतुक नौसेना अभियानों, युद्ध और तकनीकी नवाचारों को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव कर सकें।

दो प्रमुख खंडों में होगा निर्माण

  1. INS गोमती शौर्य स्मारक: यह स्वदेशी गोदावरी श्रेणी की मिसाइल फ्रिगेट INS गोमती (F-21) को संरक्षित करेगा, जो 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना की सेवा में रही और ‘ऑपरेशन कैक्टस’ व ‘ऑपरेशन पराक्रम’ जैसे अभियानों में सहभागी रही।
  2. नौसेना शौर्य वाटिका: इस खंड में TU-142 समुद्री निगरानी विमान, Sea King SK-42B हेलीकॉप्टर और नौसेना से जुड़ी अन्य तकनीकी व ऐतिहासिक झलकियाँ प्रदर्शित की जाएँगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • INS गोमती भारतीय नौसेना का तीसरा सबसे पुराना फ्रिगेट था, जिसे 2022 में सेवामुक्त किया गया।
  • TU-142 विमान 29 वर्षों तक भारतीय नौसेना में सेवा में रहा और इसे ‘हवाई शिकारी’ भी कहा जाता था।
  • Sea King हेलीकॉप्टर समुद्री बचाव और पनडुब्बी रोधी अभियानों में प्रयुक्त होता है।
  • संग्रहालय में 7D थिएटर, वॉरशिप सिम्युलेटर, एयरक्राफ्ट कैरियर लैंडिंग सिम्युलेटर, डिजिटल जल परदे पर शो, और समुद्री जीवन एक्वेरियम जैसी विशेषताएँ होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय उत्तर प्रदेश की प्राचीन समुद्री विरासत को पुनर्जीवित करेगा, जो एक समय भारत के तटीय व्यापार और हिंद महासागर संपर्क का अहम हिस्सा थी। यह परियोजना न केवल युवाओं को देशभक्ति और साहस की प्रेरणा देगी, बल्कि लखनऊ को एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगी।

Originally written on November 1, 2025 and last modified on November 1, 2025.

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