रोमानिया में आयोजित होगा अब तक का सबसे बड़ा परमाणु आपातकालीन अभ्यास: ConvEx-3 (2025)

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) और रोमानिया मिलकर 24 जून से अब तक का सबसे जटिल और व्यापक अंतरराष्ट्रीय परमाणु आपातकालीन अभ्यास “ConvEx-3 (2025)” आयोजित कर रहे हैं। यह अभूतपूर्व अभ्यास रोमानिया के एकमात्र परमाणु संयंत्र — चेर्नावोडा न्यूक्लियर पावर प्लांट — में एक गंभीर दुर्घटना की सिमुलेशन पर आधारित है।

अभ्यास का उद्देश्य और व्यापकता

ConvEx-3 अभ्यास IAEA के सदस्य देशों द्वारा हर 3 से 5 वर्ष में आयोजित किया जाता है, जिसमें परमाणु या रेडियोलॉजिकल आपात स्थिति की अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया प्रणाली की व्यापक जांच की जाती है। इस बार, 75 से अधिक देश और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठन, जैसे WHO, INTERPOL और यूरोपीय आयोग, इसमें भाग ले रहे हैं। कुछ टीमें रोमानिया में现场 रहेंगी, जबकि बाकी देश अपने राष्ट्रीय आपात केंद्रों से इसमें हिस्सा लेंगे।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह है कि वैश्विक स्तर पर, सीमा पार समन्वय, जन-संचार, स्वास्थ्य सेवाओं, रेडियोधर्मी मूल्यांकन, और खाद्य व व्यापार प्रतिबंध जैसी स्थितियों में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया दी जा सके।

ConvEx-3 में क्या-क्या होगा?

  • चेर्नावोडा संयंत्र में एक गंभीर दुर्घटना की सिमुलेशन
  • नागरिकों की निकासी, आयोडीन वितरण और मेडिकल आपात प्रतिक्रिया की योजना
  • जनता को रेडियोलॉजिकल जोखिमों के बारे में जागरूक करना
  • IAEA का इमरजेंसी सेंटर सक्रिय किया जाएगा
  • यूनीफाइड सिस्टम फॉर इन्फॉर्मेशन एक्सचेंज (USIE) और इंटरनेशनल रेडिएशन मॉनिटरिंग सिस्टम (IRMIS) की भी टेस्टिंग
  • आपसी सहायता के अनुरोध और जवाब, निगरानी डेटा साझा करना, और बहुराष्ट्रीय समन्वय

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ConvEx अभ्यास तीन स्तरों पर होते हैं:

    • ConvEx-1: 24×7 संचार संपर्क परीक्षण
    • ConvEx-2: विशिष्ट प्रक्रियाओं का परीक्षण (जैसे अंतरराष्ट्रीय सहायता)
    • ConvEx-3: पूर्ण पैमाने पर बहु-दिवसीय गंभीर आपातकालीन सिमुलेशन
  • चेर्नावोडा संयंत्र, बुखारेस्ट से 160 किमी पूर्व में, ब्लैक सी के पास स्थित है
  • यह अभ्यास IAEA के “Convention on Early Notification” और “Convention on Assistance” की व्यवस्था की परीक्षा है
  • पिछला ConvEx-3 अभ्यास रोमानिया में वर्ष 2005 में हुआ था

निष्कर्ष

ConvEx-3 (2025) अभ्यास यह दर्शाता है कि बढ़ते परमाणु उपयोग के दौर में, वैश्विक सुरक्षा केवल तकनीकी निगरानी से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग, पारदर्शिता और तैयारी से सुनिश्चित हो सकती है। रोमानिया द्वारा इस अभ्यास की मेज़बानी केवल तकनीकी परीक्षण नहीं, बल्कि वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। यह अभ्यास भारत सहित अन्य सदस्य देशों के लिए भी प्रेरणा है कि समय पर अभ्यास और समन्वय, किसी भी आपदा की घड़ी में जीवन रक्षक सिद्ध हो सकता है।

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