रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण

भारत ने गुरुवार को अपनी सामरिक क्षमता को और मज़बूत करते हुए मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से सफल परीक्षण किया। यह पहली बार है जब किसी विशेष रूप से डिजाइन किए गए रेल-आधारित प्लेटफॉर्म से इस प्रकार का प्रक्षेपण किया गया। इस उपलब्धि को देश की रणनीतिक तैयारी और तकनीकी प्रगति की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
रेल आधारित लॉन्च सिस्टम की विशेषता
इस परीक्षण की सबसे खास बात यह रही कि अग्नि-प्राइम को एक ऐसे प्लेटफॉर्म से दागा गया, जो सीधे राष्ट्रीय रेल नेटवर्क पर गतिशील रह सकता है। यह प्रणाली बिना किसी पूर्व शर्त के देशभर में कहीं भी स्थानांतरित होकर कम समय में मिसाइल प्रक्षेपित करने में सक्षम है। इससे न केवल त्वरित प्रतिक्रिया समय (reaction time) घटता है, बल्कि प्रक्षेपण की दृश्यता भी कम हो जाती है, जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।
अग्नि-प्राइम मिसाइल की क्षमता
अग्नि-प्राइम अगली पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 2,000 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेद सकती है। इसे कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम के साथ विकसित किया गया है, जिससे इसे तेजी से तैनात किया जा सकता है। अगस्त 2024 में इसका सफल परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में किया गया था। अब रेल आधारित लॉन्च प्रणाली से इसका सफल प्रक्षेपण भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करता है, जिनके पास इस तरह की अत्याधुनिक तकनीक है।
हालिया मिसाइल कार्यक्रम और सामरिक महत्व
मार्च 2024 में भारत ने ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के तहत अग्नि-5 का परीक्षण किया था, जिसमें MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) तकनीक का प्रदर्शन किया गया। इस प्रणाली से एक ही मिसाइल पर 3-4 परमाणु वारहेड ले जाए जा सकते हैं, जो अलग-अलग लक्ष्यों को भेद सकते हैं। वर्तमान में स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC), जिसकी स्थापना 2003 में हुई थी, एकल-वारहेड मिसाइलों का संचालन कर रही है। अग्नि-प्राइम और अग्नि-5 जैसे नए परीक्षण भारत की सामरिक शक्ति को वैश्विक स्तर पर और मजबूत बनाते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- अग्नि-प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता: लगभग 2,000 किलोमीटर।
- अग्नि-5 मिसाइल तीन चरणों वाली, ठोस ईंधन आधारित और कैनिस्टराइज्ड प्रणाली से लैस है।
- स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) का गठन: 2003 में हुआ।
- MIRV तकनीक से एक मिसाइल 3-4 अलग-अलग लक्ष्यों पर एक साथ वार कर सकती है।