रूस के क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी का विस्फोट: कमचटका प्रायद्वीप पर प्रकृति का प्रचंड रूप

रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कमचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्ल्युचेव्स्कॉय (Klyuchevskoy) ज्वालामुखी एक बार फिर सक्रिय हो गया है। यह विस्फोट 30 जुलाई 2025 को आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के तुरंत बाद हुआ, जिसने प्रशांत क्षेत्र में सुनामी अलर्ट को भी जन्म दिया।
क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी: एक परिचय
क्ल्युचेव्स्कॉय, जिसे क्ल्युचेव्स्काया सोपका भी कहा जाता है, यूरेशिया का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी है। यह एक स्ट्रैटोवोल्केनो है, जिसकी शंकु जैसी आकृति इसे अन्य ज्वालामुखियों से अलग बनाती है। इसकी ऊँचाई लगभग 4,750 मीटर (15,584 फीट) है और यह रूस के पेत्रोपावलोव्स्क-कमचात्स्की से लगभग 450 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।
हालिया विस्फोट के प्रमुख बिंदु
- रूसी भूभौतिक सेवा ने बताया कि “पश्चिमी ढलान पर जलता हुआ लावा बह रहा है, और ज्वालामुखी के ऊपर चमक के साथ विस्फोट हो रहे हैं”।
- विस्फोट से पहले, वैज्ञानिकों ने लावे से भरे हुए क्रेटर और राख के गुबार की भविष्यवाणी की थी।
- यह ज्वालामुखी पिछली बार 2023 में फटा था और हाल के वर्षों में कई बार सक्रिय रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कमचटका प्रायद्वीप पर लगभग 300 ज्वालामुखी स्थित हैं, जिनमें से 29 सक्रिय हैं।
- यह क्षेत्र ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है, जो विश्व के सबसे अधिक भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियों वाले क्षेत्रों में से एक है।
- क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी को UNESCO की ‘वोल्केनोज़ ऑफ कमचटका वर्ल्ड हेरिटेज साइट’ का भाग घोषित किया गया है।
- ज्वालामुखी का पहला दस्तावेज़ित विस्फोट 1697 में हुआ था और यह लगभग निरंतर सक्रिय रहा है।
पर्यटक नहीं डरे, बल्कि आकर्षित हुए
हालांकि ज्वालामुखी के विस्फोट से लावा, धुएँ और विस्फोटों की खतरनाक तस्वीरें सामने आई हैं, फिर भी रूस की ट्रैवल इंडस्ट्री यूनियन (RUTI) के अनुसार कोई भी पर्यटन यात्रा रद्द नहीं हुई है। इसके विपरीत, कई पर्यटक इस दुर्लभ दृश्य को देखने की उत्सुकता व्यक्त कर रहे हैं।
भूकंप और सुनामी की पृष्ठभूमि
इससे पहले 30 जुलाई को कमचटका तट के पास प्रशांत महासागर में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने:
- रूस के पूर्वी तट पर 13 फीट तक ऊँची सुनामी लहरें उत्पन्न कीं।
- जापान, हवाई, चिली और अन्य प्रशांत तटीय क्षेत्रों में सुनामी अलर्ट जारी किए गए।
- रूस के कुछ क्षेत्रों में इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं और कई लोगों को मामूली चोटें आईं।