रूस की हाइपरसोनिक किंजल मिसाइल (Kinzhal Missile) : मुख्य बिंदु

रूस की हाइपरसोनिक किंजल मिसाइल (Kinzhal Missile) : मुख्य बिंदु

Kh-47M2 किंजल  परमाणु क्षमता वाली एक रूसी हाइपरसोनिक एयरो-बैलिस्टिक हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। यह 2,000 किलोमीटर की रेंज में लक्ष्य को ध्वस्त कर सकती है, इसकी अधिकतम गति मैक 10 है।

मुख्य बिंदु 

  • इसे Tu-22M3 बॉम्बर या मिग-31K इंटरसेप्टर से लॉन्च किया जा सकता है और यह पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के वॉरहेड ले जा सकती है।
  • इसे दक्षिणी और पश्चिमी सैन्य जिलों में रूसी हवाई अड्डों में तैनात किया गया है।
  • किंजल को पहली बार दिसंबर 2017 में तैनात किया गया था और यह 2018 में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अनावरण किए गए छह नए रूसी रणनीतिक हथियारों में से एक है।
  • 2016 में, सीरिया में रूस के सैन्य अभियान के दौरान इस मिसाइल को पहली बार दागा गया था।

मिसाइल का डिजाइन

  • मिसाइल को नाटो युद्धपोतों को नष्ट के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो रूस की सामरिक मिसाइल प्रणालियों के लिए खतरा है।
  • इसका डिजाइन MIM-104 पैट्रियट, टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस और एजिस कॉम्बैट सिस्टम जैसी किसी भी मौजूदा या नियोजित अमेरिकी वायु और मिसाइल रक्षा प्रणालियों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है।
  • यह मिसाइल लांच के कुछ सेकंड के भीतर ही हाइपरसोनिक गति हासिल करती है।
  • किंजल की उच्च गति टॉमहॉक जैसी हल्की सबसोनिक क्रूज मिसाइलों की तुलना में लक्ष्य को भेदने में काफी अधिक प्रभावी बनाती है।

मिसाइल का परिचालन इतिहास

किंजल मिसाइल दागने में सक्षम दस मिग-31K मई 2018 में प्रायोगिक युद्धक ड्यूटी पर थे और तैनात करने के लिए तैयार थे। दिसंबर 2018 के अंत तक, किंजल मिसाइलों से लैस विमानों ने कैस्पियन और ब्लैक सी के ऊपर 89 उड़ानें भरी थीं। 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के दौरान, रूसी सेना ने कहा कि डेलियाटिन में यूक्रेनी सशस्त्र बलों की भूमिगत हथियार सुविधा को नष्ट करने के लिए किंजल मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया है।

Originally written on March 21, 2022 and last modified on March 21, 2022.

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