राष्ट्रीय शिक्षक मार्गदर्शन मिशन: उच्च शिक्षा विशेषज्ञता से स्कूल शिक्षकों को सशक्त बनाने की दिशा
भारत सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया है, जिसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) के वरिष्ठ शिक्षकों को स्कूल शिक्षकों के मार्गदर्शक (मेंटॉर) के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्गत शुरू किए गए राष्ट्रीय मार्गदर्शन मिशन (National Mission for Mentoring) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालयों और विद्यालयों के बीच ज्ञान का सतत प्रवाह सुनिश्चित करना और शिक्षक गुणवत्ता को उन्नत करना है।
राष्ट्रीय मार्गदर्शन मिशन का ढांचा
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने इस मिशन के लिए “ब्लूबुक ऑन मेंटरिंग” जारी की है, जो इसके क्रियान्वयन की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। यह मॉडल पारंपरिक, अनुपालन-आधारित प्रशिक्षण पद्धति को बदलकर एक सहयोगात्मक और सहायक मार्गदर्शन प्रणाली स्थापित करता है। इस ढांचे में मार्गदर्शकों और शिक्षकों की भूमिकाएँ, प्रक्रियाएँ तथा डिजिटल संरचना स्पष्ट रूप से परिभाषित की गई हैं, ताकि दीर्घकालिक व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
प्रशिक्षण से परे मार्गदर्शन की अवधारणा
ब्लूबुक के अनुसार, मार्गदर्शन (Mentoring) केवल प्रशिक्षण या मूल्यांकन नहीं है, बल्कि यह शिक्षकों के व्यावसायिक और व्यक्तिगत विकास की सतत प्रक्रिया है। जहाँ प्रशिक्षण का केंद्र त्वरित कौशल विकास पर होता है, वहीं मार्गदर्शन का लक्ष्य शिक्षकों को चिंतनशील, आत्मविश्वासी और नवोन्मेषी बनाना है। मार्गदर्शक शिक्षकों को बिना किसी भय या औपचारिकता के अपनी चुनौतियाँ साझा करने और समाधान खोजने का अवसर प्रदान करते हैं।
प्रमुख क्षेत्र और डिजिटल अवसंरचना
राष्ट्रीय मार्गदर्शन मिशन ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है, जिनमें शिक्षण नेतृत्व, डिजिटल शिक्षा, सामाजिक-भावनात्मक अधिगम, समावेशी शिक्षा, नैतिकता, 21वीं सदी के कौशल और विषय-विशेष शिक्षण शामिल हैं। इन सभी को एकीकृत करने के लिए राष्ट्रीय मार्गदर्शन अवसंरचना (National Mentoring Infrastructure) विकसित की गई है, जिसके माध्यम से शिक्षक अपने पसंदीदा मार्गदर्शक चुन सकते हैं, संसाधनों तक पहुँच बना सकते हैं, ऑनलाइन सत्रों में भाग ले सकते हैं और अपने विकास की निगरानी कर सकते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- “ब्लूबुक ऑन मेंटरिंग” राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा जारी आधिकारिक मार्गदर्शिका है।
- पायलट चरण में 30 केंद्रीय विद्यालय और 60 राष्ट्रीय स्तर के मार्गदर्शक शामिल किए गए।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने शिक्षक गुणवत्ता सुधार के लिए मार्गदर्शन को आवश्यक घटक माना है।
- राष्ट्रीय मार्गदर्शन अवसंरचना इस मिशन का केंद्रीय डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है।
क्रियान्वयन और प्रभाव
इस मिशन के अंतर्गत तीन प्रमुख पक्ष शामिल हैं मार्गदर्शक (Mentors), शिक्षक (Mentees) और नोडल अधिकारी। मार्गदर्शक अनुभवी शिक्षाविद् होते हैं जिनमें सहयोगी मानसिकता होती है, जबकि शिक्षक अपने कौशल विकास के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं। नोडल अधिकारी संस्थागत स्तर पर समन्वय का कार्य करते हैं। यह पूरी प्रक्रिया पाँच चरणों ओरिएंटेशन, मैचिंग, लक्ष्य निर्धारण, क्रियान्वयन और समीक्षा के माध्यम से संचालित होती है।