राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन 2025 में DRAP और UiWIN का शुभारंभ: स्वच्छ और निवेश-योग्य शहरों की ओर कदम
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नई दिल्ली में आयोजित ‘नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव 2025’ के दौरान डम्पसाइट रेमेडिएशन एक्सेलेरेटर प्रोग्राम (DRAP) और अर्बन इनवेस्टमेंट विंडो (UiWIN) का शुभारंभ किया। यह दोनों पहल ‘विकसित भारत @2047’ की परिकल्पना के तहत स्वच्छ, सतत और निवेश-योग्य शहरों के निर्माण में महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में स्थापित की गई हैं।
मिशन मोड में कचरा निस्तारण की योजना
DRAP कार्यक्रम का लक्ष्य सितंबर–अक्टूबर 2026 तक देश भर के पुराने डम्पिंग स्थलों से ‘लीगेसी वेस्ट’ को मिशन मोड में हटाना है। इसके तहत 202 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के अंतर्गत आने वाले 214 बड़े लोड वाले डम्पसाइट्स को प्राथमिकता दी गई है, जिनमें लगभग 8.8 करोड़ टन ठोस अपशिष्ट जमा है — जो भारत के शेष लीगेसी वेस्ट का लगभग 80% है। देशभर में कुल 1,428 डम्पसाइट्स की सफाई प्रक्रिया चल रही है।
शहरों को प्रत्येक डम्पसाइट के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना (Micro-Action Plan) बनानी होगी, यह सुनिश्चित करना होगा कि पुनर्स्थापन के बाद कोई नया कचरा नहीं फेंका जाए, और प्राप्त भूमि का उपयोग सामुदायिक और सार्वजनिक कार्यों के लिए किया जाए।
वित्तीय सहायता, प्रोत्साहन और भूमि पुनरुद्धार
केंद्र सरकार ने कचरा निष्कासन के लिए प्रति टन ₹550 की वित्तीय सहायता की घोषणा की है। अब तक ₹10,228 करोड़ की परियोजनाओं के तहत ₹4,181 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है, जिससे 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 2,484 शहरी निकायों को लाभ मिला है। अब तक लगभग 1,048 डम्पसाइट्स से 25 करोड़ टन कचरा हटाया जा चुका है, जिससे लगभग 7,580 एकड़ भूमि उपयोग के लिए पुनः प्राप्त हुई है — जिनका उपयोग हरित क्षेत्र, पार्क, और अन्य नागरिक सुविधाओं के रूप में किया जा रहा है।
प्राथमिकता, 5P ढांचा और निगरानी तंत्र
DRAP के तहत बड़े डम्पसाइट्स को प्राथमिकता दी जा रही है और एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से रीयल-टाइम ट्रैकिंग की व्यवस्था की गई है। इसका कार्यान्वयन 5P दृष्टिकोण पर आधारित होगा — राजनीतिक नेतृत्व, सार्वजनिक वित्त, जनजागरूकता, परियोजना प्रबंधन, और साझेदारियाँ। खट्टर ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे डम्पसाइट्स को “गोद लें” और CSR तथा राज्य स्तरीय संसाधनों का लाभ उठाएं। उदाहरण के तौर पर दिल्ली के भलस्वा डम्पसाइट से मात्र ढाई महीनों में 4.8 लाख टन कचरे को निष्प्रभावी किया गया है, और अगले एक वर्ष में 40 लाख टन हटाकर लगभग 70 एकड़ भूमि मुक्त करने की योजना है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- DRAP का लक्ष्य 214 डम्पसाइट्स से ~8.8 करोड़ टन लीगेसी वेस्ट को हटाना है।
- केंद्र सरकार द्वारा ₹550 प्रति टन की वित्तीय सहायता दी जा रही है; ₹10,228 करोड़ की परियोजनाओं में ₹4,181 करोड़ वितरित हो चुके हैं।
- अब तक 1,048 डम्पसाइट्स (~25 करोड़ टन) की सफाई हो चुकी है; ~7,580 एकड़ भूमि पुनः प्राप्त की गई है।
- कार्यान्वयन के लिए 5P फ्रेमवर्क और DRAP पोर्टल की सहायता ली जा रही है।
UiWIN: शहरी परियोजनाओं में निजी निवेश को आकर्षित करने का मंच
अर्बन इनवेस्टमेंट विंडो (UiWIN), HUDCO के नेतृत्व में शुरू की गई एक एकीकृत मंच है, जिसका उद्देश्य शहरी परियोजनाओं में निजी पूंजी और विश्व बैंक तथा एशियाई विकास बैंक जैसे बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों से रियायती और दीर्घकालिक वित्तपोषण को जुटाना है। यह मंच PPP आधारित परियोजनाओं को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, शहरी गतिशीलता, जल-गंदे जल प्रबंधन, और जलवायु-संवेदनशील बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में प्रोत्साहित करेगा।