राष्ट्रीय फॉरेंसिक अवसंरचना संवर्द्धन योजना: आपराधिक न्याय प्रणाली में वैज्ञानिक मजबूती
भारत सरकार ने 2024 में राष्ट्रीय फॉरेंसिक अवसंरचना संवर्द्धन योजना को मंज़ूरी देकर फॉरेंसिक क्षेत्र में व्यापक सुधारों की प्रक्रिया को गति दी है। यह पहल देश में वैज्ञानिक क्षमताओं को मजबूत करने, अपराध जांच को अधिक विश्वसनीय बनाने और न्याय वितरण प्रणाली को प्रभावी समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। योजना के माध्यम से अवसंरचना विस्तार, मानव संसाधन सुदृढ़ीकरण और भर्ती तंत्र में सुधार को प्राथमिकता दी गई है।
वित्तीय प्रावधान और क्रियान्वयन रणनीति
इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए कुल ₹2254.43 करोड़ का वित्तीय प्रावधान रखा गया है, जिसे 2024-25 से 2028-29 तक चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य देशभर में फॉरेंसिक सेवाओं का आधुनिकीकरण करना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को समयबद्ध वैज्ञानिक सहायता उपलब्ध करवाना है। योजना के अंतर्गत प्रयोगशाला क्षमता का विस्तार, अत्याधुनिक उपकरणों की उपलब्धता और जांच की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना शामिल है।
केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का विस्तार
फॉरेंसिक मामलों में देरी को कम करने और क्षेत्रीय स्तर पर वैज्ञानिक सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 2023 और 2024 में आठ नई केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित करने की मंज़ूरी दी है। यह कदम लंबित मामलों के निपटान में गति लाएगा और देश के विभिन्न हिस्सों में जांच सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ाएगा। इसके साथ ही मौजूदा प्रयोगशालाओं में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी लगातार जारी है।
मानव संसाधन की कमी और भर्ती सुधार
गृह मंत्रालय ने CFSLs में रिक्तियों की समीक्षा करते हुए भर्ती नियमों को सरल बनाने और नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कई महत्त्वपूर्ण कदम तय किए हैं। तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति अनुबंध आधार पर की जा रही है। केंद्र के अलावा राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को भी अपने-अपने फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि मानव संसाधन की कमी जांच की गुणवत्ता को प्रभावित न करे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- राष्ट्रीय फॉरेंसिक अवसंरचना संवर्द्धन योजना को 2024 में मंज़ूरी मिली।
- इस योजना के लिए कुल ₹2254.43 करोड़ का प्रावधान 2024-25 से 2028-29 तक रखा गया है।
- वर्ष 2023 और 2024 में आठ नए CFSLs की स्थापना को मंज़ूरी दी गई।
- नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी हर वर्ष Forensic Aptitude and Calibre Test आयोजित करती है।
एनएफएसयू की भूमिका और क्षमता निर्माण
राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, जिसे 2020 में स्थापित किया गया था, फॉरेंसिक पेशेवरों के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है। इसका वार्षिक FACT परीक्षण देशभर के योग्य अभ्यर्थियों की पहचान करता है, जिन्हें प्रयोगशालाओं और संबंधित संस्थानों में वैज्ञानिक भूमिकाओं के लिए चयनित किया जा सकता है। विश्वविद्यालय द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम, सरकार की नीतिगत सुधार पहल और अवसंरचना विकास संयुक्त रूप से भारत के फॉरेंसिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत आधार प्रदान करते हैं।