राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन: भारत की सिनेमा धरोहर को सहेजने की दिशा में सशक्त पहल

राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन: भारत की सिनेमा धरोहर को सहेजने की दिशा में सशक्त पहल

भारत सरकार ने देश की समृद्ध सिनेमा विरासत को संरक्षित रखने के लिए राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन (NFHM) के तहत एक महत्त्वपूर्ण अभियान शुरू किया है। इस मिशन का उद्देश्य पुराने और संकटग्रस्त फिल्मों को आधुनिक तकनीक की सहायता से डिजिटाइज़ और पुनर्स्थापित करना है, ताकि यह अमूल्य धरोहर भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित रह सके। यह पहल भारत की दृश्य-श्रव्य विरासत को संजोने के प्रति गहन प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

अब तक इस मिशन के अंतर्गत 1,469 फिल्म शीर्षकों को डिजिटाइज़ किया जा चुका है, जो कुल मिलाकर लगभग 4.3 लाख मिनट की सामग्री है। इन फिल्मों में फीचर फिल्में, लघु फिल्में और वृत्तचित्र शामिल हैं, जो भारतीय सिनेमा के विविध आयामों को दर्शाती हैं।

मिशन का लक्ष्य उम्रदराज और नष्ट होती फिल्म सामग्री को समय रहते संरक्षित करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन सांस्कृतिक रचनाओं से सीख सकें और भारत की सिनेमाई यात्रा को समझ सकें।

डिजिटाइज़ और पुनर्स्थापित की गई फिल्मों को राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (NFAI) द्वारा संग्रहित और प्रबंधित किया जाता है। NFAI इन फिल्मों का उचित भंडारण, वर्गीकरण और सार्वजनिक पहुंच सुनिश्चित करता है।

कई बहाल की गई फिल्मों को NFAI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है, जिससे शोधकर्ता, विद्यार्थी और सिनेमा प्रेमी भारतीय फिल्म इतिहास को गहराई से जान सकते हैं। इस डिजिटल पहुंच से शैक्षणिक अध्ययन और सांस्कृतिक जागरूकता को भी प्रोत्साहन मिलता है।

भारत सरकार, विशेष रूप से सूचना और प्रसारण मंत्रालय, सभी भारतीय भाषाओं में काम करने वाले फिल्म निर्माताओं को सहायता प्रदान कर रही है, जिसमें बांग्ला सिनेमा भी शामिल है। यह सहायता वित्तीय और संस्थागत रूपों में होती है, जिससे विविध भाषाओं और संस्कृतियों की कहानियाँ फिल्म के माध्यम से सामने आ सकें।

यह प्रयास क्षेत्रीय सिनेमा को मुख्यधारा में स्थान दिलाने और भारत की सांस्कृतिक विविधता को सशक्त रूप से प्रस्तुत करने में सहायक बनता है।

सरकार की Development, Communication and Dissemination of Filmic Content (DCDFC) योजना के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फिल्मों को प्रोत्साहित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत फिल्म निर्माताओं को वित्तीय सहायता, विपणन सहयोग, और अन्य संसाधनों की उपलब्धता कराई जाती है।

यह जानकारी डॉ. एल. मुरुगन, राज्य मंत्री (सूचना और प्रसारण) द्वारा लोकसभा में सांसद नारायण तातू राणे और सौमित्र खान के प्रश्नों के उत्तर में साझा की गई थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत सरकार फिल्म संरक्षण, निर्माण और वैश्विक प्रचार को एकीकृत दृष्टिकोण से आगे बढ़ा रही है।

Originally written on December 14, 2025 and last modified on December 14, 2025.

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