राष्ट्रमंडल देशों ने कोविड-19 टीकों के लिए समान पहुंच की मांग की

राष्ट्रमंडल देशों ने कोविड-19 टीकों के लिए समान पहुंच की मांग की

भारत के नेतृत्व में राष्ट्रमंडल स्वास्थ्य मंत्री दुनिया भर में कोविड-19 टीकों के लिए तीव्र और समान पहुंच की मांग कर रहे हैं। 54 राष्ट्रमंडल सदस्यों की ओर से, वे टीकों की पहुंच और वितरण में अंतराल को लेकर चिंतित थे। उन्होंने टीके के निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्य निर्धारण का भी आह्वान किया है।

मुख्य बिंदु

गौरतलब है कि वैक्सीन गरीब देशों में समान रूप से वितरित नहीं की जाती है। वर्तमान में, 29 गरीब देशों के लोगों को जीवन रक्षक टीके की केवल 0.3 प्रतिशत खुराक दी गई है। दूसरी ओर, उच्च और उच्च-मध्यम-आय वाले देशों ने लगभग 84 प्रतिशत शॉट्स दिए हैं।

राष्ट्रमंडल देश

राष्ट्रमंडल देश या ‘राष्ट्रमंडल’ (Commonwealth of Nations) एक राजनीतिक संघ है जिसमें 54 सदस्य देश शामिल हैं। लगभग सभी सदस्य देश ब्रिटिश साम्राज्य के पूर्व क्षेत्र हैं।राष्ट्रमंडल सचिवालय (Commonwealth Secretariat) इस संगठन का प्रमुख संस्थान है। यह सचिवालय अंतर सरकारी पहलुओं और राष्ट्रमंडल फाउंडेशन पर ध्यान केंद्रित करता है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) वर्तमान में राष्ट्रमंडल की प्रमुख हैं।

पृष्ठभूमि

राष्ट्रमंडल का इतिहास 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में ब्रिटिश साम्राज्य के विघटन और इसके क्षेत्रों में स्वशासन में वृद्धि के साथ जुड़ी है। कॉमनवेल्थ को पहली बार 1926 में बाल्फोर डिक्लेरेशन (Balfour Declaration) द्वारा “ब्रिटिश कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस” (British Commonwealth of Nations) के रूप में बनाया गया था। वर्ष 1931 में, इसे यूनाइटेड किंगडम द्वारा स्टैचू ऑफ वेस्टमिंस्टर (Statute of Westminster) के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया था। राष्ट्रमंडल राष्ट्र अपने वर्तमान स्वरूप में औपचारिक रूप से 1949 में लंदन घोषणा (London Declaration) द्वारा गठित किया गया था।

Originally written on May 24, 2021 and last modified on May 24, 2021.

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