राष्ट्रपति मुर्मू की अफ्रीका यात्रा: अंगोला के साथ रक्षा और ऊर्जा सहयोग को नया आयाम
भारत और अंगोला के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 8 से 13 नवम्बर के बीच अंगोला और बोत्सवाना की राजकीय यात्रा पर जा रही हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा, खनिज संसाधन और कौशल विकास के क्षेत्रों में सहयोग को गहराई देने की योजना है।
रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी
भारत सरकार अंगोला की रक्षा आधुनिकीकरण योजना के लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। विदेश मंत्रालय के आर्थिक संबंध सचिव सुधाकर दलेला ने बताया कि यह सहयोग दोनों देशों के लिए प्राथमिकता का विषय है।
यह क्रेडिट लाइन मई 2025 में अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंसो की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई थी। इसका उद्देश्य अंगोला के रक्षा ढांचे और प्रशिक्षण प्रणालियों को सशक्त करना है। भारत इस सहयोग के तहत रक्षा उपकरण, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
ऊर्जा संबंधों में मजबूती
भारत और अंगोला के बीच वर्तमान व्यापार लगभग 5 अरब डॉलर का है, जिसमें से 80% व्यापार ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित है। भारत अंगोला को अपनी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण भाग मानता है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा उत्पादन, परिष्करण और लॉजिस्टिक्स में संयुक्त निवेश की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है, ताकि स्थायी आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।
खनिज संसाधन और क्षमता निर्माण
भारत का ‘राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन’ (National Critical Minerals Mission) अफ्रीकी देशों के साथ महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और प्रसंस्करण के लिए साझेदारी कर रहा है। इस दिशा में अंगोला के साथ संयुक्त उपक्रमों की योजना बनाई जा रही है, खासकर अक्षय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में प्रयुक्त खनिजों को ध्यान में रखते हुए।
इसके साथ ही भारत का ITEC (Indian Technical and Economic Cooperation) कार्यक्रम अफ्रीकी देशों के लिए क्षमता निर्माण का प्रमुख माध्यम रहा है। अब तक बोत्सवाना के 750 से अधिक पेशेवरों ने भारत में रक्षा, तकनीक और अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- • भारत अंगोला को रक्षा आधुनिकीकरण के लिए 200 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट दे रहा है।
- • भारत–अंगोला व्यापार लगभग 5 अरब डॉलर है, जिसमें 80% ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित है।
- • भारत का ‘राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन’ अफ्रीकी देशों के साथ खनिज खोज में साझेदारी कर रहा है।
- • पिछले दशक में बोत्सवाना के 750+ पेशेवर ITEC कार्यक्रम के तहत भारत में प्रशिक्षित हुए हैं।
यात्रा का महत्व और भविष्य की दिशा
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा भारत की अफ्रीका नीति को मजबूती देती है, जिसका केंद्र बिंदु सतत विकास, कौशल निर्माण और अवसंरचना सहयोग है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा समझौते, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं, और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में समझौते प्रस्तावित हैं।