राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 से वैज्ञानिकों को सम्मानित किया
भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आयोजन के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 प्रदान किए। यह सम्मान देश के उन वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं को दिया गया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में प्रेरक और उत्कृष्ट योगदान देकर भारत के शोध-आधारित विकास को नई दिशा दी है।
चार श्रेणियों में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के दूसरे संस्करण में कुल 24 पुरस्कार चार श्रेणियों में प्रदान किए गए—विज्ञान रत्न, विज्ञान श्री, विज्ञान युवा और विज्ञान टीम। इन पुरस्कारों की संरचना पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर की गई है। सम्मान 13 प्रमुख वैज्ञानिक क्षेत्रों में योगदान के लिए दिए गए, जिनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कृषि, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विज्ञान शामिल हैं। इसका उद्देश्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ युवा प्रतिभाओं और सामूहिक अनुसंधान प्रयासों को भी मान्यता देना है।
मरणोपरांत विज्ञान रत्न सम्मान
सर्वोच्च सम्मान ‘विज्ञान रत्न’ प्रख्यात भौतिक विज्ञानी जयंत विष्णु नार्लीकर को मरणोपरांत प्रदान किया गया। उन्हें यह सम्मान विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आजीवन योगदान तथा ब्रह्मांड विज्ञान और विज्ञान संप्रेषण के क्षेत्र में उनके अग्रणी कार्यों के लिए दिया गया। यह सम्मान इस बात को रेखांकित करता है कि राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार दीर्घकालिक और स्थायी वैज्ञानिक प्रभाव को विशेष महत्व देता है।
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान
विज्ञान श्री पुरस्कार आठ वैज्ञानिकों को प्रदान किए गए, जिन्होंने कृषि विज्ञान, परमाणु ऊर्जा, रसायन विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, गणित और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है। वहीं, विज्ञान युवा पुरस्कार 14 युवा वैज्ञानिकों को दिया गया, जो भौतिकी, चिकित्सा, पृथ्वी विज्ञान और तकनीकी नवाचार जैसे विषयों में उभरते हुए शोध कार्य के लिए पहचाने गए हैं। यह श्रेणी भारत में अगली पीढ़ी के वैज्ञानिक नेतृत्व को प्रोत्साहित करने का प्रतीक है।
विज्ञान टीम पुरस्कार और सामूहिक अनुसंधान
विज्ञान टीम पुरस्कार सीएसआईआर एरोमा मिशन की टीम को प्रदान किया गया। इस टीम ने कृषि विज्ञान और ग्रामीण आजीविका के क्षेत्र में सामूहिक प्रयासों के माध्यम से उल्लेखनीय योगदान दिया है। यह पुरस्कार दर्शाता है कि जटिल राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान में टीम-आधारित वैज्ञानिक दृष्टिकोण कितना प्रभावी हो सकता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
- ये पुरस्कार चार श्रेणियों—विज्ञान रत्न, विज्ञान श्री, विज्ञान युवा और विज्ञान टीम—में दिए जाते हैं।
- सम्मान 13 वैज्ञानिक क्षेत्रों को कवर करते हैं, जिनमें परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विज्ञान शामिल हैं।
- पुरस्कारों की संरचना पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर तैयार की गई है।
कुल मिलाकर, राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 भारत में अनुसंधान, नवाचार और वैज्ञानिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। यह न केवल वरिष्ठ वैज्ञानिकों की आजीवन उपलब्धियों को सम्मान देता है, बल्कि युवा प्रतिभाओं और सामूहिक प्रयासों को भी प्रोत्साहित कर भारत को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर करता है।