राज्य खनन तत्परता सूचकांक 2025 जारी: खनन क्षेत्र में सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

राज्य खनन तत्परता सूचकांक 2025 जारी: खनन क्षेत्र में सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

भारत सरकार के खान मंत्रालय ने हाल ही में राज्य खनन तत्परता सूचकांक (State Mining Readiness Index – SMRI) और राज्यों की रैंकिंग जारी की है। यह पहल न केवल राज्य स्तर पर खनन क्षेत्र में सुधारों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि केंद्रीय बजट 2025–26 में किए गए एक प्रमुख घोषणा की पूर्ति भी करती है।

SMRI सूचकांक के मूल्यांकन मानदंड

SMRI राज्यों का मूल्यांकन विभिन्न मानकों पर करता है जिनमें शामिल हैं:

  • खनिजों की नीलामी में प्रदर्शन
  • खदानों को शीघ्र चालू करने की क्षमता
  • अन्वेषण (exploration) पर ध्यान
  • गैर-कोयला खनिजों के संदर्भ में टिकाऊ खनन प्रथाओं को अपनाना

इन संकेतकों का उद्देश्य राज्यों की समग्र तत्परता और दक्षता को मापना है ताकि खनन गतिविधियों को सुचारु रूप से क्रियान्वित किया जा सके और आवश्यक सुधारों को तेज़ी से लागू किया जा सके।

खनिज संपन्नता के आधार पर राज्य श्रेणियाँ

SMRI ढांचे के अंतर्गत राज्यों को उनकी खनिज संपन्नता के आधार पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:

  • श्रेणी A (खनिज-समृद्ध राज्य):

    • प्रथम स्थान: मध्यप्रदेश
    • द्वितीय स्थान: राजस्थान
    • तृतीय स्थान: गुजरात
  • श्रेणी B (मध्यम खनिज संसाधन वाले राज्य):

    • प्रथम स्थान: गोवा
    • द्वितीय स्थान: उत्तर प्रदेश
    • तृतीय स्थान: असम
  • श्रेणी C (सीमित खनिज संसाधन वाले राज्य):

    • प्रथम स्थान: पंजाब
    • द्वितीय स्थान: उत्तराखंड
    • तृतीय स्थान: त्रिपुरा

सुधारों की गति बढ़ाने की रणनीति

मंत्रालय का उद्देश्य SMRI को एक बेंचमार्किंग टूल के रूप में उपयोग करना है, जिससे राज्य आपस में प्रतिस्पर्धा करते हुए खनन क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रथाओं को अपनाएं। यह प्रतिस्पर्धा न केवल खनन प्रक्रिया की पारदर्शिता और कुशलता को बढ़ावा देगी, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और स्थायी संसाधन प्रबंधन की दिशा में भी एक ठोस कदम होगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • खान मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्य करता है और देश में गैर-कोयला खनिजों की नीतियों और कानूनों का निर्धारण करता है।
  • SMRI की शुरुआत 2025–26 के केंद्रीय बजट में घोषित की गई थी।
  • भारत में सबसे अधिक खनिज संपन्न राज्य झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश माने जाते हैं।
  • स्थायी खनन का उद्देश्य पर्यावरणीय क्षति को न्यूनतम रखते हुए संसाधनों का दीर्घकालिक उपयोग सुनिश्चित करना है।

राज्य खनन तत्परता सूचकांक के माध्यम से केंद्र सरकार राज्यों को जिम्मेदार और सक्रिय खनन नीति अपनाने की दिशा में प्रेरित कर रही है। यह पहल भविष्य के लिए समृद्ध, टिकाऊ और पारदर्शी खनन व्यवस्था की आधारशिला बन सकती है।

Originally written on October 18, 2025 and last modified on October 18, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *