राजा परबा (Raja Parba) – ओडिशा का प्रसिद्ध त्योहार

राजा परबा (Raja Parba) – ओडिशा का प्रसिद्ध त्योहार

14 जून, 2021 को ओडिशा में राजा परबा उत्सव शुरू हो गया है। यह 3 दिवसीय उत्सव है जो नारीत्व का जश्न मनाता है।

मुख्य बिंदु

  • ऐसा माना जाता है कि, इस अवधि के दौरान, धरती माता को मासिक धर्म होता है और मानसून आते ही भविष्य की कृषि गतिविधियों के लिए खुद को तैयार करती है।
  • यह त्योहार केक की किस्मों (पीठों) का पर्याय है। इस प्रकार, ओडिशा पर्यटन विकास निगम (OTDC) ने भी ‘पिठा ऑन व्हील्स’ नाम से एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है।
  • इन 3 दिनों के दौरान, महिलाएं काम नहीं करती हैं।

राजा परबा (Raja Parba)

राजा परबा को मिथुन संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। यह ओडिशा में नारीत्व का जश्न मनाने का तीन दिवसीय त्योहार है। इस त्योहार के दूसरे दिन मिथुन के सौर महीने की शुरुआत होती है, जब बारिश का मौसम शुरू होता है। ऐसा माना जाता है कि पहले तीन दिनों में धरती माता मासिक धर्म से गुजरती है। चौथे दिन को वसुमती स्नान या भूदेवी का औपचारिक स्नान कहा जाता है।

यह त्यौहार कब और कैसे मनाया जाता है?

यह त्योहार जून के मध्य में आता है। पहले दिन को पाहिली राजा, दूसरे दिन को मिथुन संक्रांति और तीसरे दिन को भुदाह या बसी राजा कहा जाता है। अंतिम चौथे दिन को बासुमती स्नान कहा जाता है, जिस दिन महिलाएं भूमि के प्रतीक के रूप में पीसने वाले पत्थर को हल्दी के लेप से स्नान कराती हैं। भूमि को सभी प्रकार के मौसमी फल चढ़ाए जाते हैं।

Originally written on June 15, 2021 and last modified on June 15, 2021.

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