राजस्थान में शुरू हुआ लक्खी मेला (Lakkhi Mela)

राजस्थान में शुरू हुआ लक्खी मेला (Lakkhi Mela)

राजस्थान का करौली जिला अपनी जीवंत संस्कृति और त्योहारों के लिए जाना जाता है, और ऐसा ही एक त्योहार है लक्खी मेला, जिसे कैला देवी चैत्र मेला (Kaila Devi Chaitra Mela) भी कहा जाता है। यह त्योहार विभिन्न समुदायों के लोगों द्वारा बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है, जो देवी कैला देवी को सम्मान देने के लिए एक साथ आते हैं।

दिनांक और उपस्थिति

यह त्योहार चैत्र बादी के 12वें दिन से शुरू होता है और दो सप्ताह तक चलता है। इस साल, त्योहार 20 मार्च से शुरू हुआ और 4 अप्रैल तक चलेगा। मेले में बड़ी संख्या श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है, जो इसे राजस्थान के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक बनाता है।

पुख्ता इंतजाम

जिला प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए गए हैं कि भक्त बिना किसी परेशानी के देवी के दर्शन कर सकें। पूरा क्षेत्र सीसीटीवी की निगरानी में है और जरूरतमंद लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए चिकित्सा सुविधाएं स्थापित की गई हैं।

शिल्प कौशल और सांस्कृतिक प्रदर्शन

लक्खी मेला सिर्फ एक धार्मिक सभा नहीं है; यह कई लोगों की शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने का एक मंच भी है। इस मेले के दौरान दस्तकारी लकड़ी, लाख और धातु के उत्पाद, आदिवासी टोपी, चांदी के आभूषण, दर्पण का काम, हाथ से बुने और कढ़ाई वाले वस्त्र और बहुत कुछ प्रदर्शित किए जाते हैं। महान पहलवानों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन और कुश्ती का प्रदर्शन भी दिखाया जाता है।

कैला देवी का महत्व

कैला देवी को  देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है।  इस मंदिर को राजस्थान में सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है और यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। किंवदंती है कि देवी कैला देवी 14वीं शताब्दी के दौरान इस क्षेत्र के लोगों के सामने प्रकट हुईं और उन्हें समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद दिया।

Originally written on March 22, 2023 and last modified on March 22, 2023.

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