राजस्थान के मेनार और खीचन वेटलैंड्स को मिला रामसर स्थल का दर्जाv

भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में राजस्थान के दो महत्वपूर्ण वेटलैंड्स — खीचन (फालोदी) और मेनार (उदयपुर) — को अंतरराष्ट्रीय महत्व के रामसर स्थलों के रूप में नामित किया है। इस घोषणा के साथ भारत में रामसर वेटलैंड्स की कुल संख्या अब 91 हो गई है, जो एशिया में सबसे अधिक है।

मेनार वेटलैंड: “पक्षी ग्राम” की पहचान

मेनार वेटलैंड राजस्थान का एक ताजे पानी वाला मानसूनी वेटलैंड कॉम्प्लेक्स है, जो ब्रह्म तालाब, ढांड तालाब और खेरोदा तालाब से मिलकर बना है। मानसून के दौरान इन तालाबों से जुड़ी कृषि भूमि जलमग्न हो जाती है, जिससे जल पक्षियों के लिए उपयुक्त आवास बनता है।

  • यहां पर सफेद रम्पड गिद्ध (White-rumped Vulture), लंबी चोंच वाला गिद्ध (Long-billed Vulture), हिमालयी ग्रिफॉन और मिस्र का गिद्ध जैसे संकटग्रस्त पक्षियों को देखा गया है।
  • इसके अलावा, डल्मेटियन पेलिकन, फेरुजिनस पॉचार्ड, एशियाई ऊनी गर्दन वाला सारस और ब्लैक-टेल्ड गॉडविट जैसी प्रजातियाँ भी यहां देखी गई हैं।
  • ब्रह्म तालाब के पास आम के पेड़ों पर बड़ी संख्या में भारतीय फ्लाइंग फॉक्स (Pteropus giganteus) भी निवास करते हैं।
  • यह स्थल समुदाय आधारित संरक्षण का बेहतरीन उदाहरण है, जहां मेनार गांव के स्थानीय निवासी शिकार और मछली पकड़ने की रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

खीचन वेटलैंड: थार रेगिस्तान में प्रवासी क्रेनों का स्वर्ग

खीचन वेटलैंड राजस्थान के उत्तरी थार मरुस्थल क्षेत्र में स्थित है और इसमें रातड़ी नदी, विजय सागर तालाब, तटीय आवास और झाड़ीदार भूमि शामिल हैं।

  • यह स्थल खासतौर पर डेमोइसेल क्रेन (Demoiselle Crane) की बड़ी प्रवासी आबादी के लिए प्रसिद्ध है, जो हर साल 22,000 से अधिक की संख्या में यहां शीतकालीन प्रवास के लिए आती है।
  • यह क्षेत्र 150 से अधिक पक्षी प्रजातियों का आवास है और जैव विविधता से भरपूर है, जिसमें सूखा प्रतिरोधी पौधों की प्रजातियाँ भी शामिल हैं।
  • यह स्थल पक्षी प्रेमियों, पर्यटकों, छात्रों और वैज्ञानिकों को आकर्षित करता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • रामसर कन्वेंशन: यह 1971 में ईरान के रामसर शहर में शुरू हुई एक अंतर-सरकारी संधि है, जिसका उद्देश्य वेटलैंड्स का संरक्षण और उनका विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है।
  • भारत में रामसर स्थलों की संख्या: मेनार और खीचन को जोड़ने के बाद भारत में अब कुल 91 रामसर स्थल हैं, जो एशिया में सबसे अधिक हैं।
  • प्रधानमंत्री की टिप्पणी: पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे भारत की पर्यावरणीय उपलब्धि बताते हुए सार्वजनिक भागीदारी की भूमिका को सराहा।
  • स्थानीय संरक्षण मॉडल: मेनार वेटलैंड राजस्थान में सामुदायिक भागीदारी से संरक्षण का सबसे सफल उदाहरण माना गया है।

भारत में वेटलैंड्स की यह बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मान्यता न केवल जैव विविधता के संरक्षण को बढ़ावा देती है, बल्कि यह दर्शाती है कि सामूहिक प्रयासों से सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन संभव है। मेनार और खीचन जैसे स्थलों को रामसर टैग मिलना भारतीय वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

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