राजनाथ सिंह ने जैसलमेर में ‘शौर्य वन’ का उद्घाटन किया, DPM 2025 भी हुआ जारी
देश की रक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने की दिशा में गुरुवार को दो अहम पहल हुईं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजस्थान के जैसलमेर में ‘शौर्य वन’ नामक एक नई प्रकाश एवं ध्वनि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, वहीं दिल्ली में ‘डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ (DPM 2025) भी जारी किया गया। ये दोनों कदम भारतीय सशस्त्र बलों की गौरवगाथा को दर्शाने और उनके संचालन को आधुनिक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
थार मरुस्थल में वीरता का प्रदर्शन: शौर्य वन
‘शौर्य वन’ जैसलमेर स्थित 1971 भारत-पाक युद्ध संग्रहालय में स्थापित किया गया है। यह एक विशेष प्रकाश एवं ध्वनि प्रदर्शनी है जो भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान को दर्शाती है। इस शो के माध्यम से दर्शकों को 1971 के युद्ध की ऐतिहासिक घटनाओं, रणभूमि के दृश्य और सैनिकों की रणनीतिक कुशलता से परिचित कराया जाता है। यह पहल न केवल देशभक्ति की भावना को मजबूत करती है बल्कि पर्यटकों को भी थार रेगिस्तान की ऐतिहासिक भूमिका से जोड़ती है।
रक्षा खरीद प्रक्रियाओं में बड़ा सुधार: DPM 2025
राजनाथ सिंह ने इसी दिन दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में एक कार्यक्रम के दौरान DPM 2025 का विमोचन किया। यह मैनुअल 1 नवम्बर से प्रभावी होगा और इसके तहत तीनों सेनाओं एवं रक्षा मंत्रालय की विभिन्न इकाइयों द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रुपये की राजस्व खरीद की जाएगी।
इस नई नीति का उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना, कार्यप्रणाली में एकरूपता लाना, और आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करना है। यह दस्तावेज MSMEs और स्टार्ट-अप्स के लिए भी नए अवसर प्रदान करेगा, जिससे रक्षा उत्पादन और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
DPM 2025 की प्रमुख विशेषताएं
- विलंबित आपूर्ति पर जुर्माने की सीमा घटाकर अधिकतम 10% की गई, जबकि स्वदेशीकरण मामलों में यह 0.1% प्रति सप्ताह निर्धारित की गई है।
- स्वदेशी उत्पादकों को 5 वर्ष या उससे अधिक की सुनिश्चित खरीद का प्रावधान।
- सीमित निविदाएं अब ₹50 लाख तक की जा सकती हैं, अधिक राशि अपवाद स्वरूप अनुमति योग्य।
- पूर्व ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड से एनओसी की आवश्यकता समाप्त।
- जहाजों और उड्डयन उपकरणों की मरम्मत के लिए 15% वृद्धि का प्रावधान।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ‘शौर्य वन’ का उद्घाटन जैसलमेर में स्थित 1971 युद्ध संग्रहालय परिसर में हुआ।
- DPM 2025 कुल 14 अध्यायों में विभाजित है, जिनमें 3 नए अध्याय जोड़े गए हैं।
- यह मैनुअल DPM 2009 की जगह लेगा, परंतु 31 अक्टूबर तक जारी निविदाएं पुराने नियमों के तहत ही रहेंगी।
- DPM 2025 को दो वॉल्यूम में विभाजित किया गया है — Volume I में मुख्य प्रक्रियाएं और Volume II में सभी फॉर्म्स और आदेश शामिल हैं।
रक्षा मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि DPM 2025 पारदर्शिता, जवाबदेही और सरलता को प्राथमिकता देगा। इसके जरिये आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।