राजगीर के गर्म जलस्रोतों से मिला एंटीबायोटिक उत्पादक बैक्टीरिया, थर्मोफाइल जीवाणुओं में छिपा है स्वास्थ्य व औद्योगिक समाधान

धरती पर एक आरामदायक जीवन जीने के लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श माना जाता है। लेकिन जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तो वह मनुष्यों और अधिकांश जटिल जीवों के लिए घातक हो सकता है। ऐसे वातावरण में भी कुछ सूक्ष्मजीव जैसे थर्मोफाइल (Thermophiles) जीवित रह सकते हैं, जो 45 से 70 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी सहन कर सकते हैं।
थर्मोफाइल बैक्टीरिया: गर्मी में जीवन की तलाश
थर्मोफाइल बैक्टीरिया प्राकृतिक रूप से ऐसे स्थानों में पाए जाते हैं जो उच्च तापमान वाले होते हैं जैसे — गर्म झरने, गहरे समुद्री वेंट्स और कंपोस्ट ढेर। ये बैक्टीरिया अक्सर खतरनाक रोगजनक जीवों के खिलाफ प्रभावी एंटीबायोटिक पदार्थ उत्पन्न करते हैं, जिससे वैज्ञानिक इन्हें एंटीबायोटिक उत्पादन का एक अनछुआ खजाना मानते हैं।
बिहार के राजगीर झरने में हुई विशेष खोज
वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT), तमिलनाडु के शोधकर्ताओं ने बिहार के नालंदा जिले स्थित राजगीर गर्म जलस्रोत का अध्ययन किया। वहां का जल 45 डिग्री तक गर्म होता है। उन्होंने मिट्टी और जल के नमूने लेकर 16S rRNA मेटाजीनोमिक्स तकनीक से माइक्रोबियल विविधता का विश्लेषण किया।
एक्टिनोबैक्टीरिया की प्रचुरता
राजगीर झरने में 40-43% माइक्रोबियल विविधता एक्टिनोबैक्टीरिया समूह से संबंधित पाई गई — जो आमतौर पर एंटीबायोटिक उत्पादन के लिए जाना जाता है। स्ट्रेप्टोमाइसिन और टेट्रासाइक्लिन जैसी प्रसिद्ध दवाएँ इसी समूह से प्राप्त हुई हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- थर्मस एक्वाटिकस (Thermus aquaticus): इससे प्राप्त एंजाइम PCR परीक्षण में उपयोग होता है।
- Listeria monocytogenes: एक जानलेवा फूडबोर्न रोग पैदा करने वाला बैक्टीरिया है।
- Diethyl Phthalate: राजगीर के झरने से निकाले गए बैक्टीरिया से प्राप्त एंटीबैक्टीरियल यौगिक, जो लिस्टीरिया के विरुद्ध प्रभावी पाया गया।
- Antimicrobial Resistance (AMR): WHO के अनुसार, 2050 तक यह समस्या वैश्विक स्वास्थ्य खर्चों में 1 ट्रिलियन डॉलर तक जोड़ सकती है।
प्रयोगशाला में पुष्टि
VIT के शोधकर्ताओं ने संभावित बैक्टीरिया को रोगजनक बैक्टीरिया जैसे E. coli, Salmonella, Klebsiella, Pseudomonas, और Staphylococcus के साथ कल्चर किया। सात स्ट्रेनों ने शक्तिशाली एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि दिखाई। इसके बाद गैस क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री से Diethyl Phthalate नामक यौगिक को अलग किया गया, जो Listeria monocytogenes को प्रभावी रूप से रोक सका।
औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में संभावनाएं
थर्मोफाइल्स की क्षमता केवल दवाओं तक सीमित नहीं है। ये उच्च तापमान सहन करने की वजह से उद्योगों और कृषि में उपयोगी हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि लेह के चुमाथांग क्षेत्र के गर्म जलस्रोत से प्राप्त बैक्टीरिया पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने में सक्षम हैं।
राजगीर जैसी जैविक खदानों का गहराई से अध्ययन न केवल नई एंटीबायोटिक दवाओं की खोज में सहायक हो सकता है, बल्कि औद्योगिक और कृषि क्षेत्र को भी सशक्त बना सकता है। यह खोज भारत को वैश्विक स्वास्थ्य संकट — जैसे एंटीबायोटिक प्रतिरोध — से लड़ने में नेतृत्व प्रदान कर सकती है।