रवि डीसी को फ्रांस का प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान: भारतीय प्रकाशन और सांस्कृतिक संवाद में अनोखा योगदान
भारतीय प्रकाशन जगत की एक प्रमुख हस्ती, रवि डीसी को फ्रांस सरकार द्वारा कला और साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिए “शेवलिए दे लॉर्द दे ज़ार ए दे लेत्र” (Chevalier de l’Ordre des Arts et des Lettres) से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उनके दशकों लंबे प्रयासों को मान्यता देता है, जिसमें उन्होंने मलयालम साहित्य को वैश्विक पटल पर पहुंचाने और भारतीय पाठकों के लिए विश्व साहित्य को सुलभ बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
फ्रांस का सर्वोच्च सांस्कृतिक सम्मान
यह सम्मान डीसी बुक्स के प्रकाशक और प्रबंध निदेशक रवि डीसी को 4 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास में फ्रांस के राजदूत थियरी माथू द्वारा प्रदान किया गया। इस आयोजन में भारत के साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। “ऑर्ड्रे दे ज़ार ए दे लेत्र” पुरस्कार 1957 में स्थापित किया गया था और यह दुनिया भर में कला, संस्कृति और साहित्य में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है।
डीसी बुक्स को वैश्विक मंच पर लाने की भूमिका
फ्रांसीसी राजदूत थियरी माथू ने अपने वक्तव्य में कहा कि रवि डीसी ने डीसी बुक्स को भारत के अग्रणी प्रकाशन संस्थानों में परिवर्तित कर दिया है। उनके नेतृत्व में फ्रांसीसी साहित्य को मलयालम में अनुवादित करने का विशेष प्रयास हुआ, जिससे भारत और फ्रांस के बीच साहित्यिक संवाद को नई दिशा मिली और क्षेत्रीय भाषा पाठकों को वैश्विक विचारधारा से जोड़ने का मंच मिला।
फ्रेंच साहित्य का मलयालम में विस्तार
डीसी बुक्स ने एनी एर्नो, लुई-फर्डिनेंड सेलीन, जीन-पॉल सार्त्र, इमैनुएल कारेरे, डेविड डिओप, जोहाना गुस्ताव्सन और मैरीस कॉन्दे जैसे प्रमुख फ्रांसीसी लेखकों की कृतियों को मलयालम में अनुवादित किया है। इस सतत प्रयास से न केवल बहुभाषिकता को प्रोत्साहन मिला है, बल्कि साहित्यिक नवाचार को भी बढ़ावा मिला है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
• ऑर्ड्रे दे ज़ार ए दे लेत्र (Ordre des Arts et des Lettres) फ्रांस सरकार द्वारा 1957 में स्थापित किया गया था।
• यह पुरस्कार कला, संस्कृति और साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
• शेवलिए (Chevalier) इस सम्मान की तीन श्रेणियों में से एक है।
• डीसी बुक्स केरल स्थित भारत का प्रमुख मलयालम प्रकाशन संस्थान है।
साहित्यिक संवाद और सांस्कृतिक कूटनीति
प्रकाशन से परे, डीसी बुक्स ने अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संवाद को बढ़ावा देने में भी भूमिका निभाई है, विशेष रूप से वागामोन राइटर रेजिडेंसी के माध्यम से, जो फ्रांसीसी दूतावास की “विला स्वागतं” पहल का हिस्सा रही है। इस कार्यक्रम ने अंतरराष्ट्रीय लेखकों को भारत में आमंत्रित कर बहुसांस्कृतिक विचारों का आदान-प्रदान सुनिश्चित किया है। सम्मान स्वीकार करते हुए रवि डीसी ने कहा कि साहित्य संवेदना, कल्पनाशीलता और साझा सांस्कृतिक मूल्यों को पीढ़ियों और सीमाओं के पार ले जाने की शक्ति रखता है।