रयान विलियम्स को भारतीय नागरिकता: भारतीय फुटबॉल में एक नया अध्याय
भारतीय फुटबॉल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर, 32 वर्षीय विंगर रयान विलियम्स ने अपनी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता छोड़कर आधिकारिक रूप से भारत की नागरिकता प्राप्त कर ली है। मुंबई से पारिवारिक जुड़ाव और भारतीय फुटबॉल से गहरे भावनात्मक रिश्ते के चलते उन्होंने यह निर्णय लिया, जो अब उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार देता है।
पर्थ से बेंगलुरु तक का सफर
रयान विलियम्स का जन्म एक भारतीय मां और ऑस्ट्रेलियाई पिता के घर हुआ। उन्होंने अपने बचपन के कुछ वर्ष मुंबई में बिताए और फिर ऑस्ट्रेलिया चले गए, जहां से उनके पेशेवर फुटबॉल करियर की शुरुआत पर्थ ग्लोरी क्लब से हुई। इसके बाद वे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न क्लबों में खेले और अंततः इंडियन सुपर लीग (ISL) की टीम बेंगलुरु एफसी से जुड़ गए।
ISL में उन्होंने लगातार तीन मैचों में तीन गोल कर प्रशंसकों और चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, और अब उन्हें भारतीय राष्ट्रीय टीम के कैंप में शामिल कर लिया गया है।
फुटबॉल से जुड़ा पारिवारिक इतिहास
रयान का फुटबॉल प्रेम विरासत में मिला है। उनके नाना, लिंकन एरिक ग्रोस्टेट, 1950 के दशक में सेंट्रल रेलवे एससी, टाटा क्लब और बॉम्बे टीम के लिए खेले थे। उन्होंने उस बंगाल टीम को हराया था जिसमें नौ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल थे।
मुंबई में जन्मी उनकी मां एक एंग्लो-इंडियन परिवार से ताल्लुक रखती हैं, और रयान के अनुसार, उनके नाना की संतोष ट्रॉफी से जुड़ी कहानियों ने उन्हें भारतीय जड़ों से फिर से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उनके भाई आरिन और रीस विलियम्स भी पेशेवर खिलाड़ी हैं, जिसमें रीस ऑस्ट्रेलिया के लिए इंग्लिश प्रीमियर लीग युग में खेल चुके हैं।
भारतीय नागरिकता की प्रक्रिया
भारतीय नागरिकता पाने के लिए रयान को एक वर्ष तक भारत में निवास करना पड़ा, कई सरकारी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा और अंततः ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट को त्यागना पड़ा। उन्होंने इस निर्णय को भावनात्मक लेकिन संतोषजनक बताया: “जब कुछ सही लगे, तो उसे करना ही चाहिए। सकारात्मक पहलुओं ने बाकी सभी चीजों को पीछे छोड़ दिया।”
उनके नाना की अंतिम इच्छा थी कि रयान भारत के लिए खेले, और यही भावना उन्हें इस प्रक्रिया से गुजरने की प्रेरणा देती रही। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है जैसे जीवन अब पूर्ण चक्र में आ गया है।”
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- • रयान विलियम्स 32 वर्षीय पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विंगर हैं, जो अब भारत के लिए खेलेंगे।
- • उन्होंने ISL में बेंगलुरु FC के लिए खेलते हुए तीन मैचों में तीन गोल किए।
- • उनके नाना लिंकन ग्रोस्टेट ने 1950 के दशक में बॉम्बे की संतोष ट्रॉफी टीम का प्रतिनिधित्व किया था।
- • वे इज़ुमी अराता (2012) के बाद दूसरे विदेशी जन्म वाले खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारतीय नागरिकता ली है।
भारतीय फुटबॉल के लिए एक नई शुरुआत
कोच खालिद जमील द्वारा राष्ट्रीय शिविर में चयनित होना रयान विलियम्स के लिए एक बड़ा क्षण है, और साथ ही यह संकेत भी है कि भारत अब फुटबॉल प्रतिभाओं को वैश्विक दृष्टिकोण से संजो रहा है।
उन्होंने कहा, “जब मैं भारत की जर्सी पहनूंगा, तो देश और प्रशंसकों के लिए अपना सर्वस्व दूंगा।” वे न केवल शारीरिक रूप से फिट हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी पहले से कहीं अधिक तैयार हैं।