रत्नागिरी हिंदू सभा

रत्नागिरी हिंदू सभा

रत्नागिरी हिंदू सभा 1924 में विनायक दामोदर सावरकर द्वारा स्थापित एक संगठन था। इस संगठन को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में स्थापित किया गया। सभा ने हिंदू सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए काम किया और बाद में हिंदू महासभा में विलय हो गया। काशीनाथ लक्ष्मण परुलेकर ने रत्नागिरी हिंदू सभा और हिंदुत्व आंदोलनों के लिए काम किया। उन्होंने रत्नागिरी में रहने के दौरान सावरकर के साथ भी काम किया और तब से रत्नागिरी हिंदू सभा के लिए काम किया। 1948 से काशीनाथ लक्ष्मण परुलेकर रत्नागिरी हिंदू सभा के अध्यक्ष थे। 1944 में भगोरीशेठ कीर के निधन के बाद रत्नागिरी हिंदू सभा के अनुयायियों के बीच पतितपावन मंदिर के स्वामित्व को लेकर विवाद पैदा हो गया। हालांकि विरोधों के बीच समझौता होने के बाद काशीनाथ लक्ष्मण पारुलेकर के मार्गदर्शन में रत्नागिरी हिंदू सभा अपनी धीमी गति से चली।

Originally written on May 11, 2021 and last modified on May 11, 2021.

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