रक्षा मंत्रालय ने तेज़ गश्ती जहाजों के लिए ₹1,070 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तटरक्षक बल के लिए 14 फास्ट पेट्रोल वेसल्स (FPV) के निर्माण के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई के साथ ₹1,070 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

मुख्य बिंदु 

इन स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित बहुउद्देश्यीय जहाजों की डिलीवरी 63 महीनों में की जाएगी। बहुउद्देश्यीय ड्रोन, दूर से संचालित जल बचाव प्रणाली, एआई क्षमताओं और अधिक जैसी उन्नत सुविधाओं से लैस, आधुनिक एफपीवी बहुआयामी समुद्री चुनौतियों से निपटने में तटरक्षक बल को लचीलापन और बढ़त प्रदान करेंगे।

प्रमुख परिचालन भूमिकाएँ

यह FPV विभिन्न तटीय सुरक्षा अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जिनमें शामिल हैं:

  • मत्स्य पालन संरक्षण और निगरानी
  • तस्करी विरोधी निगरानी
  • उथले पानी में खोज और बचाव अभियान
  • संकट में जहाजों की सहायता करना
  • समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया
  • एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन

समुद्री क्षमताओं को बढ़ावा देना

इस अधिग्रहण का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने पर सरकारी फोकस के अनुरूप भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं को बढ़ावा देना है। यह परियोजना भारत में रोजगार और विशेषज्ञता विकास के अवसर भी पैदा करेगी।

निर्माण समयसीमा

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स अगले 5 वर्षों में स्वदेशी रूप से 14 एफपीवी का निर्माण करेगा। पहले जहाज के 2026 तक कमीशन होने की उम्मीद है, इसके बाद तटीय सुरक्षा बेड़े में लगातार बढ़ोतरी होगी।

विशेषताएं और उपकरण

तेज़ गश्ती जहाज उन्नत सुविधाओं और उपकरणों से भरे होंगे, जिनमें शामिल हैं:

निगरानी प्रणाली:

  • हवाई निगरानी के लिए बहुउद्देशीय ड्रोन
  • ट्रैकिंग के लिए रडार और संचार प्रणाली
  • नेविगेशन और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम

संचालन उपकरण:

  • अवरोधन के लिए उच्च गति वाली नावें
  • समुद्री प्रवर्तन के लिए हथियार
  • सहायता के लिए टोइंग प्रणाली

सुरक्षा और बचाव गियर:

  • दूरस्थ जल बचाव शिल्प
  • लाइफ राफ्ट
  • प्राथमिक चिकित्सा एवं अग्निशमन सामग्री
Originally written on January 29, 2024 and last modified on January 29, 2024.

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