योगी आदित्यनाथ ने किया ‘गोमती पुनरुत्थान मिशन’ का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 अक्टूबर को ‘गोमती पुनरुत्थान मिशन’ का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य गोमती नदी में अविरल और स्वच्छ जल प्रवाह को सुनिश्चित करना है। इस महत्वाकांक्षी मिशन के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों से गोमती में गिरने वाले कुल गंदे पानी का 95 प्रतिशत रोकने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना नदी के संपूर्ण बेसिन क्षेत्र को कवर करेगी, जो पीलीभीत से गाजीपुर तक फैला हुआ है।
नदी की स्वच्छता और अविरलता की दिशा में ठोस पहल
गोमती नदी के प्रदूषण की प्रमुख वजहों में नालों से गिरने वाला अपशिष्ट जल है। वर्तमान में नदी में 39 बड़े नाले गिरते हैं, जिनमें से 13 बिना किसी शोधन के सीधे नदी में प्रवाहित होते हैं। मिशन के अंतर्गत इन सभी नालों को शोधन संयंत्रों (STPs) से जोड़ने का प्रावधान किया गया है। इस समय गोमती नदी के किनारे 6 एसटीपी संचालित हो रहे हैं जिनकी कुल क्षमता 605 मिलियन लीटर प्रति दिन (MLD) है। सरकार ने मौजूदा संयंत्रों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ नए एसटीपी के निर्माण की भी योजना बनाई है।
अतिक्रमण हटाना और पारिस्थितिकी का पुनर्निर्माण
नदी की संकरी होती धारा और प्रदूषण के पीछे अतिक्रमण भी एक प्रमुख कारण रहा है। मिशन के अंतर्गत अतिक्रमण हटाने, नदी घाटों के सौंदर्यीकरण और तटीय क्षेत्रों में हरित आवरण बढ़ाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। इसके साथ ही, लखनऊ में एकाना वेटलैंड और साजन झील जैसे नए वेटलैंड्स विकसित किए जाएंगे, जो जैव विविधता को बढ़ावा देंगे और प्रदूषण अवशोषण में सहायक होंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- गोमती नदी की उत्पत्ति उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में माधव टांडा से होती है।
- यह गंगा नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है, जो लखनऊ, सुलतानपुर, जौनपुर होते हुए गाजीपुर में गंगा में मिलती है।
- गोमती पुनरुत्थान मिशन को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के अंतर्गत गठित ‘गोमती टास्क फोर्स’ द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
- राज्य में जल निगम, सिंचाई विभाग, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत विभिन्न संस्थान इस मिशन का हिस्सा हैं।