यूरोपीय संघ ने गरीब देशों को प्लास्टिक अपशिष्ट निर्यात करने पर प्रतिबन्ध लगाया

यूरोपीय संघ ने गरीब देशों को प्लास्टिक अपशिष्ट निर्यात करने पर प्रतिबन्ध लगाया

हाल ही में यूरोपीय संघ ने घोषणा की है कि उसने गरीब देशों को प्लास्टिक के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यह नए नियम यूरोपीय संघ के 2006 अपशिष्ट शिपमेंट विनियमन में संशोधन करेंगे, इसके द्वारा OECD के बाहर कम विकसित देशों को निर्यात पर रोक लगाई जाएगी।

मुख्य बिंदु

चीन ने 2018 में प्लास्टिक आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था, उसके बाद यूरोपीय संघ ने यह फैसला लिया है। नए नियमों के अनुसार, गैर-ओईसीडी देशों को केवल साफ और गैर-खतरनाक अपशिष्ट निर्यात को रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जा सकता है। यह एक परिपत्र अर्थव्यवस्था (circular economy) की स्थापना करने के लिए यूरोपीय संघ का एक महत्वपूर्ण प्रयास का एक हिस्सा है।

ओईसीडी के 37 देशों के भीतर खतरनाक प्लास्टिक के निर्यात को भेजने वाले देश और प्राप्त करने वाले देश को अनुमति लेनी होगी। यह नए नियम 1 जनवरी, 2021 से लागू हो जायेंगे। ये नियम यूरोपीय संघ के भीतर प्लास्टिक शिपमेंट को नियंत्रित करेंगे।

पिछले साल यूरोपीय संघ ने 1.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरे का निर्यात किया है, जो ज्यादातर इंडोनेशिया, मलेशिया और तुर्की को भेजा गया था।

1989 बेसल कन्वेंशन

Control of Transboundary Movements of Hazardous Wastes and Their Disposal अथवा बेसेल कन्वेंशन पर 1989 में हस्ताक्षर किये गये थे। इस संधि का उद्देश्य देशों के बीच खतरनाक कचरे के हस्तांतरण को कम करना है। यूरोपीय संघ और 186 देश इस कन्वेंशन में शामिल हैं।

Originally written on December 24, 2020 and last modified on December 24, 2020.

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