यूरोपीय संघ की ऐतिहासिक पहल: सभी सदस्य देशों में समान-लिंग विवाह की मान्यता अनिवार्य

यूरोपीय संघ की ऐतिहासिक पहल: सभी सदस्य देशों में समान-लिंग विवाह की मान्यता अनिवार्य

यूरोपीय संघ की सर्वोच्च अदालत ने एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए घोषणा की है कि किसी भी सदस्य देश में किया गया समान-लिंग विवाह पूरे संघ में मान्य होगा। यह फैसला पोलैंड को सीधा झटका देता है, जिसने जर्मनी में दो पोलिश नागरिकों के बीच हुए विवाह को मान्यता देने से इनकार कर दिया था।

मामला कैसे शुरू हुआ

यह मामला उस समय सामने आया जब एक पोलिश समलैंगिक दंपति ने 2018 में बर्लिन में विवाह किया। विवाह के बाद जब वे पोलैंड लौटे, तो स्थानीय अधिकारियों ने उनके विवाह प्रमाणपत्र को दर्ज करने से इनकार कर दिया क्योंकि पोलैंड के कानून के अनुसार समान-लिंग विवाह की अनुमति नहीं है। इसके बाद मामला पोलैंड की अदालत से यूरोपीय संघ की न्यायालय (EU Court of Justice) में पहुंचा, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि क्या ऐसे नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है जो किसी अन्य सदस्य देश में विवाह कर चुके हैं।

अदालत के निष्कर्ष और अधिकारों का उल्लंघन

अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि पोलैंड का यह रवैया यूरोपीय संघ के मूल सिद्धांतों, जैसे कि नागरिकों की स्वतंत्र आवाजाही और निजी व पारिवारिक जीवन के अधिकार, का उल्लंघन करता है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि कोई नागरिक किसी अन्य सदस्य देश में वैध रूप से विवाह करता है, तो उसे अपने देश में भी वही पारिवारिक स्थिति बनाए रखने का अधिकार है। साथ ही अदालत ने यह भी जोड़ा कि इस निर्णय से सदस्य देशों पर समान-लिंग विवाह को घरेलू स्तर पर वैध करने का कोई दबाव नहीं है, बल्कि यह केवल कानूनी मान्यता के स्तर पर समानता सुनिश्चित करने के लिए है।

पोलैंड की कानूनी व्यवस्था पर असर

यह फैसला उस समय आया है जब पोलैंड की नई यूरोपीय समर्थक सरकार समान-लिंग जोड़ों के लिए सिविल पार्टनरशिप की व्यवस्था लाने का प्रयास कर रही है। हालांकि, इस प्रस्ताव का विरोध एक रूढ़िवादी सहयोगी दल और राष्ट्रपति कारोएल नवरोकी द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने संविधान में विवाह को पुरुष और महिला के बीच का संबंध बताया है। यूरोपीय न्यायालय का यह निर्णय अब वारसॉ पर दबाव बढ़ा रहा है कि वह विदेशी विवाहों की मान्यता से जुड़ी अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करे।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • यूरोपीय संघ के नागरिकों को सभी सदस्य देशों में स्वतंत्र रूप से आवागमन और पारिवारिक जीवन बनाए रखने का अधिकार है।
  • अदालत ने स्पष्ट किया कि सदस्य देशों को समान-लिंग विवाह को कानूनी रूप से मान्यता देने की आवश्यकता नहीं, परंतु विदेशी विवाह को स्वीकार करना अनिवार्य है।
  • यह मामला 2018 में बर्लिन में विवाह करने वाले दो पोलिश नागरिकों से संबंधित था।
  • पोलैंड के संविधान में विवाह को केवल पुरुष और महिला के बीच का संबंध माना गया है।

यह निर्णय यूरोपीय संघ की समानता और भेदभाव-निषेध की नीति को और मजबूत करता है। यह संकेत देता है कि न्यायिक स्तर पर एलजीबीटी अधिकारों को अब और भी सशक्त समर्थन मिल रहा है, विशेषकर उन देशों में जहां सामाजिक और राजनीतिक मतभेद इस विषय पर गहराई से मौजूद हैं।

Originally written on November 26, 2025 and last modified on November 26, 2025.

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