यूपी की नई एमएसएमई इंडस्ट्रियल एस्टेट नीति: आसान भू-आवंटन और बेहतर सुविधा से उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

यूपी की नई एमएसएमई इंडस्ट्रियल एस्टेट नीति: आसान भू-आवंटन और बेहतर सुविधा से उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) औद्योगिक एस्टेट प्रबंधन नीति’ को मंजूरी दे दी है। यह नीति उद्योगों के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाकर राज्य में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाई गई है।

नीति की मुख्य विशेषताएँ

नई नीति के तहत औद्योगिक एस्टेटों में उपलब्ध भूखंडों, शेड और भूमि का आवंटन पट्टे या किराए के आधार पर नीलामी या ई-नीलामी के माध्यम से किया जाएगा। यह प्रक्रिया उद्योग निदेशक और आयुक्त की देखरेख में की जाएगी, जो नीलामी पोर्टल का चयन करने के लिए अधिकृत होंगे।

  • SC/ST उद्यमियों के लिए 10% आरक्षण: सभी प्लॉट और शेड में 10% आरक्षण अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों के लिए होगा। यदि पात्र आवेदक उपलब्ध न हों, तो ये प्लॉट अन्य वर्गों को आवंटित किए जा सकेंगे।
  • 20% क्षेत्र वाणिज्यिक/सेवा/आवासीय उपयोग के लिए: औद्योगिक एस्टेटों का 20% हिस्सा व्यावसायिक या आवासीय उपयोग के लिए आरक्षित किया जा सकेगा।

क्षेत्रवार आरक्षित दरें (2025–26)

  • मध्यांचल: ₹2,500 प्रति वर्ग मीटर
  • पश्चिमांचल: ₹3,000 प्रति वर्ग मीटर (20% अधिक)
  • बुंदेलखंड और पूर्वांचल: ₹2,000 प्रति वर्ग मीटर (20% कम)
  • हर वर्ष 1 अप्रैल को दरों में 5% की वार्षिक वृद्धि लागू होगी।

भूखंड भुगतान योजना

  • ई-नीलामी में सफल बोलीदाताओं को आरक्षित मूल्य का 10% earnest money के रूप में जमा करना होगा।
  • शेष राशि एकमुश्त एक वर्ष में या अधिकतम तीन वर्षों में भुगतान करनी होगी।
  • तत्काल भुगतान करने पर 2% की छूट मिलेगी।
  • किस्त योजना चुनने वालों को 12 या 36 समान मासिक किस्तों में भुगतान करना होगा। विलंब पर ब्याज सहित दंड लागू होगा।

प्रमुख बुनियादी सुविधाएँ

औद्योगिक एस्टेटों में निम्न सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी:

  • कॉमन फैसिलिटी सेंटर
  • विद्युत उपकेंद्र
  • अग्निशमन केंद्र
  • महिला छात्रावास, डॉर्मिटरी, क्रेच
  • पर्यावरण अनुकूल पार्क
  • प्रशिक्षण संस्थान
  • स्वास्थ्य सेवाएँ

इसके अतिरिक्त, यदि कोई Anchor Unit किसी औद्योगिक क्षेत्र में एमएसएमई विकास को बढ़ावा देने की क्षमता रखती है, तो उसे प्राथमिक दरों पर भूखंड आवंटित किया जा सकता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • नीति का उद्देश्य: MSME क्षेत्र में पारदर्शी भू-आवंटन, बेहतर प्रबंधन और वैश्विक मानकों के अनुरूप औद्योगिक ढाँचा विकसित करना
  • आरक्षण: SC/ST उद्यमियों के लिए 10% प्लॉट
  • वार्षिक मूल्य वृद्धि: 5% (प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से)
  • भुगतान योजनाएँ: एकमुश्त या 12/36 मासिक किश्तों में
  • प्रमुख सुविधा केंद्र: पावर स्टेशन, प्रशिक्षण संस्थान, क्रेच, पार्क आदि

उत्तर प्रदेश की यह नई नीति न केवल राज्य को एक निवेश-उन्मुख वातावरण प्रदान करेगी, बल्कि MSME क्षेत्र के उद्यमियों को स्थायी और सुव्यवस्थित विकास का अवसर भी देगी। यह राज्य के आर्थिक परिदृश्य को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए और अधिक तैयार बनाएगी।

Originally written on August 14, 2025 and last modified on August 14, 2025.

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