यूपीआई लेनदेन में सबसे आगे तेलंगाना: आरबीआई अध्ययन में खुलासा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया बुलेटिन में प्रकाशित एक शोध पत्र के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का उपयोग प्रति व्यक्ति मात्रा के आधार पर सबसे अधिक तेलंगाना राज्य में हो रहा है। यह अध्ययन PhonePe के लेनदेन डेटा को प्रतिनिधि मानकर तैयार किया गया है, जो भारत में कुल यूपीआई लेनदेन का 58% हिस्सेदार है।
डिजिटल लेनदेन की तीव्रता में क्षेत्रीय भिन्नताएँ
तेलंगाना के बाद जिन राज्यों में यूपीआई उपयोग की तीव्रता सबसे अधिक दर्ज की गई है, वे हैं:
- कर्नाटक
- आंध्र प्रदेश
- दिल्ली
- महाराष्ट्र
इन राज्यों में शहरी केंद्रों, आर्थिक गतिविधियों के हब, और कामकाज के लिए प्रवास करने वालों की अधिकता को इसका कारण माना गया है।
नकदी की मांग में गिरावट
अध्ययन के अनुसार, यूपीआई के बढ़ते उपयोग के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी की मांग में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसके प्रमुख संकेतक हैं:
- GDP के अनुपात में ATM नकद निकासी में गिरावट
- कम मूल्य वाले लेनदेन में UPI की भागीदारी का बढ़ना
- UPI ट्रांजेक्शन का औसत मूल्य (टिकट साइज) घटते जाना
विशेष रूप से ₹500 से कम के लेनदेन की संख्या यूपीआई के peer-to-merchant (P2M) ट्रांजेक्शन में सबसे अधिक है, जिससे रोजमर्रा की खरीदारी में डिजिटल भुगतान की प्रवृत्ति स्पष्ट होती है।
PhonePe का वर्चस्व
- PhonePe के माध्यम से हो रहे यूपीआई लेनदेन का 58% वॉल्यूम और 53% मूल्य पर नियंत्रण है।
- यह दर्शाता है कि निजी डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को तेजी से आकार दे रहे हैं।
नकदी पर निर्भरता अब भी बनी हुई है इन राज्यों में
हालांकि यूपीआई का प्रसार व्यापक है, लेकिन पूर्वोत्तर भारत, केरल, गोवा, और दिल्ली जैसे राज्यों में नकदी निकासी की तीव्रता अब भी अधिक बनी हुई है। इसके पीछे कारण हो सकते हैं:
- पर्यटन आधारित नकदी उपयोग
- ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल अवसंरचना की कमी
- सेवा क्षेत्र आधारित अर्थव्यवस्था
- प्रवासी आय का नकद में उपयोग
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- यूपीआई की शुरुआत 2016 में की गई थी।
- PhonePe, भारत का सबसे बड़ा यूपीआई ऐप है, जो 58% लेनदेन वॉल्यूम और 53% लेनदेन मूल्य संभालता है।
- ₹500 से कम के लेनदेन, P2M यूपीआई ट्रांजेक्शन का बहुलांश हैं।
- तेलंगाना में प्रति व्यक्ति UPI उपयोग सबसे अधिक है।