यूनेस्को की विश्व विरासत शहर की सूची में शामिल हुए मध्य प्रदेश के ग्वालियर और ओरछा शहर

यूनेस्को की विश्व विरासत शहर की सूची में शामिल हुए मध्य प्रदेश के ग्वालियर और ओरछा शहर

हाल ही में मध्य प्रदेश के दो शहरों ग्वालियर और ओरछा को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत शहर की सूची में शामिल किया गया है।

ओरछा

ओरछा मध्य प्रदेश के निवारी जिले में स्थित है, यह बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है और यह अपने मंदिरों और महलों के लिए प्रसिद्ध है। 16वीं शताब्दी में यह शहर बुंदेला राजवंश की राजधानी रही है। ओरछा के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में ओरछा राज महल, रामराजा मंदिर, जहाँगीर महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर, राय प्रवीण महल शामिल हैं। इस शहर की स्थापना रूद्र प्रताप सिंह द्वारा 1501 ईसवी में की गयी थी।

ग्वालियर

ग्वालियर मध्य का प्रमुख शहर है, यह शहर गुर्जर प्रतिहार, बघेल कछवाह, तोमर और सिंधिया राजवंश की राजधानी रहा है। ग्वालियर शहर, ग्वालियर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इस शहर की स्थापना सूरज सेन ने की थी।

विश्व विरासत स्थल (World Heritage Site)

यह एक लैंडमार्क अथवा क्षेत्र है जिसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा एक कानूनी सुरक्षा प्राप्त होती है। इस कन्वेंशन का संचालन संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा किया जाता है। विश्व धरोहर स्थल टैग यूनेस्को द्वारा सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक या अन्य प्रकार के महत्व के लिए दिए जाते हैं।

इन स्थानों में दुनिया भर की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत शामिल हैं और इन्हें मानवता के लिए उत्कृष्ट मूल्य माना जाता है। विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल होने के लिए स्थान किसी तरह से अद्वितीय लैंडमार्क होनी चाहिए। यह स्थान भौगोलिक और ऐतिहासिक रूप से पहचान योग्य होना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) संयुक्त राष्ट्र संगठन है, जो दुनिया भर में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को संरक्षित रखने में मदद करता है। यह फ्रांस में स्थित बहु-राष्ट्र एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1945 में की गयी थी। यह साक्षरता और यौन शिक्षा के साथ-साथ दुनिया भर के देशों में लैंगिक समानता में सुधार को बढ़ावा देता है। यह विश्व धरोहर स्थलों को पहचानने और प्राचीन खंडहर, गांवों और मंदिरों, और ऐतिहासिक स्थलों जैसे सांस्कृतिक और विरासत स्थलों को संरक्षित करने के लिए भी पहचाना जाता है।

Originally written on December 8, 2020 and last modified on December 8, 2020.

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