यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड में भारत का पुनर्निर्वाचन: वैश्विक सहयोग में सशक्त भूमिका

यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड में भारत का पुनर्निर्वाचन: वैश्विक सहयोग में सशक्त भूमिका

भारत को 2025–29 कार्यकाल के लिए यूनेस्को (UNESCO) के कार्यकारी बोर्ड में पुनः निर्वाचित किया गया है। यह उपलब्धि शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान, संचार और सूचना के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को आगे बढ़ाने में भारत की सक्रिय भूमिका को पुनः प्रमाणित करती है। भारत के स्थायी यूनेस्को प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई इस घोषणा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भारत पर विश्वास और बहुपक्षवाद के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को उजागर किया है।

पुनर्निर्वाचन का महत्व

यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड संगठन की तीन संवैधानिक इकाइयों में से एक है, जो कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की निगरानी और रणनीतिक प्राथमिकताओं के निर्धारण की जिम्मेदारी निभाता है। भारत की निरंतर सदस्यता से उसे वैश्विक नीतिगत चर्चाओं में योगदान देने, मानव-केंद्रित विकास ढांचे को आगे बढ़ाने और ज्ञान व सांस्कृतिक विरासत तक समान पहुंच सुनिश्चित करने में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।

भारत का बहुपक्षीय योगदान

वर्षों से भारत यूनेस्को के विभिन्न प्रयासों में सक्रिय रहा है चाहे वह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना हो, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा, वैज्ञानिक सहयोग को सशक्त करना या डिजिटल समावेशन को प्रोत्साहित करना। भारत का पुनर्निर्वाचन इन पहलों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना और वैश्विक विकास संवादों में भारत की बढ़ती नेतृत्वकारी भूमिका का संकेत है।

वैश्विक समर्थन और कूटनीतिक सहयोग

भारत ने सभी सदस्य देशों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह विश्वास उसकी समावेशी विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दृष्टि को और मजबूत करेगा। भारत का यूनेस्को के साथ जुड़ाव न केवल नीति निर्माण तक सीमित है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के माध्यम से शांति और प्रगति को बढ़ावा देने का माध्यम भी है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत 2025–29 कार्यकाल के लिए यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड में पुनः निर्वाचित हुआ है।
  • कार्यकारी बोर्ड यूनेस्को के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और रणनीतिक योजना की निगरानी करता है।
  • पुनर्निर्वाचन भारत की बहुपक्षीय प्रतिबद्धता में वैश्विक विश्वास को दर्शाता है।
  • यूनेस्को का कार्यक्षेत्र शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान, संचार और सूचना से संबंधित है।

आगे की दिशा: सतत विकास और वैश्विक साझेदारी

2025–29 के कार्यकाल में भारत का लक्ष्य यूनेस्को के एजेंडा में रचनात्मक योगदान जारी रखना है। समावेशी विकास, सांस्कृतिक विविधता और ज्ञान-साझाकरण को बढ़ावा देना भारत की प्राथमिकताएँ रहेंगी। यह विस्तारित कार्यकाल न केवल वैश्विक साझेदारी को गहरा करेगा, बल्कि शांति निर्माण और सतत प्रगति के सामूहिक प्रयासों को भी सशक्त बनाएगा। भारत की यह सफलता एक ऐसे भविष्य की दिशा में कदम है जहाँ शिक्षा और संस्कृति वैश्विक एकता के सेतु बनें।

Originally written on December 2, 2025 and last modified on December 2, 2025.

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