यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): कर्मचारियों के लिए नई व्यवस्था और चुनौतियाँ

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): कर्मचारियों के लिए नई व्यवस्था और चुनौतियाँ

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 30 सितंबर तक यह विकल्प दिया गया है कि वे नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से हटकर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शामिल हो सकते हैं। यह नई पेंशन योजना पिछले साल अगस्त में मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद 1 अप्रैल 2025 से लागू हुई है। अभी तक लगभग 23.94 लाख कर्मचारियों में से केवल 40,000 ने ही इस योजना को अपनाया है, जिससे स्पष्ट है कि कर्मचारियों में अभी भी संकोच और असमंजस बना हुआ है।

UPS और NPS में अंतर

पुरानी पेंशन योजना (OPS) केवल 1 जनवरी 2004 से पहले भर्ती कर्मचारियों को मिलती थी, जिसमें बिना अंशदान के निश्चित पेंशन का प्रावधान था। 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों को NPS में रखा गया, जो बाजार आधारित है और इसमें तय पेंशन की गारंटी नहीं होती।
UPS को NPS का विकल्प बनाकर पेश किया गया है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों 10% अंशदान करते हैं, जबकि सरकार अतिरिक्त 8.5% का योगदान ‘पूल कॉर्पस’ में देती है। UPS के तहत कर्मचारी को अंतिम 12 महीनों की औसत मूल वेतन का 50% न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पूरी करने पर पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा, मृत्यु की स्थिति में जीवनसाथी को 60% पेंशन मिलती है।
दूसरी ओर, NPS में पेंशन पूरी तरह निवेशित फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। इसमें कोई तय पेंशन नहीं होती और सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली राशि बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित रहती है।

UPS की विशेषताएँ और प्रावधान

UPS में न्यूनतम ₹10,000 प्रति माह पेंशन का प्रावधान है, बशर्ते कर्मचारी ने कम से कम 10 वर्ष सेवा की हो। साथ ही, सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों को ‘लंप सम’ भुगतान भी मिलता है, जो NPS में उपलब्ध नहीं है। हालांकि, यदि किसी कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त किया जाता है तो वह इस लाभ का हकदार नहीं होगा।
सरकार ने कर्मचारियों को यह भी लचीलापन दिया है कि यदि वे UPS में शामिल होकर बाद में वापस NPS में जाना चाहें, तो सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने से तीन माह पहले तक यह विकल्प अपना सकते हैं।

UPS को लेकर कर्मचारियों की दुविधा

भले ही UPS को कर्मचारियों के हित में एक सुरक्षित विकल्प बताया जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों का बड़ा वर्ग अभी भी OPS की वापसी की मांग पर अड़ा हुआ है। OPS में कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का अंशदान नहीं करना पड़ता था और सरकार अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में देती थी। इस कारण कई कर्मचारी UPS को OPS जितना लाभकारी नहीं मानते।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • पुरानी पेंशन योजना (OPS) केवल 1 जनवरी 2004 से पहले नियुक्त कर्मचारियों के लिए लागू थी।
  • NPS में कर्मचारी 10% और सरकार 14% योगदान देती है।
  • UPS में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों 10% योगदान करते हैं, साथ ही सरकार 8.5% अतिरिक्त देती है।
  • UPS में न्यूनतम पेंशन ₹10,000 तय की गई है, जो NPS में उपलब्ध नहीं है।
Originally written on September 18, 2025 and last modified on September 18, 2025.

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