यूक्रेनी पहलवान ओनिशिकी अराता ने रचा सूमो इतिहास
यूक्रेन में जन्मे सूमो पहलवान डैनिलो यावहुसिशिन, जो पेशेवर रूप से ओनिशिकी अराता के नाम से जाने जाते हैं, ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने जापान के प्रतिष्ठित क्यूशू ग्रैंड सूमो टूर्नामेंट 2025 में जीत हासिल कर यूक्रेन के पहले खिलाड़ी के रूप में बड़ा सूमो खिताब जीता। 21 वर्षीय ओनिशिकी ने निर्णायक टाई-ब्रेकर मुकाबले में मंगोलियाई ग्रैंड चैंपियन होशोर्यू को पराजित किया।
क्यूशू टूर्नामेंट में ऐतिहासिक प्रदर्शन
फुकुओका कोकुसाई सेंटर में आयोजित इस टूर्नामेंट में ओनिशिकी ने संतुलित और दमदार खेल दिखाया। उनकी जापानी भाषा में दी गई विजयी भाषण ने दर्शाया कि वे न केवल खेल में निपुण हैं बल्कि संस्कृति के प्रति भी सम्मान रखते हैं। उन्होंने अपने भाषण में आगे की रैंकिंग में प्रगति करने का लक्ष्य भी व्यक्त किया। इस जीत ने यह साबित किया कि सूमो जैसे पारंपरिक जापानी खेल में भी अब अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मजबूत उपस्थिति उभर रही है।
युद्धग्रस्त यूक्रेन से जापान तक की प्रेरक यात्रा
डैनिलो यावहुसिशिन का जन्म मध्य यूक्रेन में हुआ था। उन्होंने सात वर्ष की उम्र में सूमो अभ्यास शुरू किया और 17 की उम्र में राष्ट्रीय जूनियर चैंपियन बने। 2022 में यूक्रेन में संघर्ष बढ़ने के बाद उन्होंने पहले जर्मनी में शरण ली और बाद में जापान जाकर अपने पेशेवर सूमो करियर की शुरुआत की। उनकी कम उम्र के कारण उन्हें सैन्य सेवा से छूट मिली, जिससे उन्हें खेल में आगे बढ़ने का अवसर मिला।
सूमो रैंकों में तेजी से उभरते सितारे
जुलाई 2023 में पेशेवर बनने के बाद, ओनिशिकी ने केवल एक वर्ष में सूमो की ऊपरी श्रेणियों तक पहुंचकर नया रिकॉर्ड कायम किया। यह उपलब्धि 1958 में आधुनिक छह-टूर्नामेंट प्रणाली शुरू होने के बाद से सबसे तेज़ प्रगतियों में से एक मानी जा रही है। जापान सूमो एसोसिएशन अब उनकी ओज़ेकी (Ozeki) पद पर पदोन्नति पर विचार कर रही है, जो सूमो की सर्वोच्च रैंक योकोज़ुना से ठीक नीचे आती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ओनिशिकी अराता (डैनिलो यावहुसिशिन) पहले यूक्रेनी हैं जिन्होंने किसी प्रमुख सूमो टूर्नामेंट में जीत दर्ज की।
- उन्होंने 2025 क्यूशू ग्रैंड सूमो टूर्नामेंट में होशोर्यू को हराकर यह उपलब्धि हासिल की।
- उन्होंने सात वर्ष की उम्र में सूमो शुरू किया और जुलाई 2023 में पेशेवर बने।
- उनका रैंक-वृद्धि का क्रम 1958 के बाद पाँचवाँ सबसे तेज़ माना गया है।
भविष्य की संभावनाएँ
ओनिशिकी की यह सफलता उन्हें वैश्विक सूमो मंच पर सबसे संभावनाशील युवा खिलाड़ियों में शामिल करती है। उनकी संभावित पदोन्नति पर चल रही चर्चाएँ इस बात का संकेत हैं कि सूमो अब एक सच्चे अंतरराष्ट्रीय खेल के रूप में विकसित हो रहा है। युद्ध और विस्थापन के बावजूद उनकी दृढ़ता और समर्पण दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।