यूके में कानूनी रूप से वायु प्रदूषण के कारण पहली मृत्यु दर्ज की गयी

यूके में कानूनी रूप से वायु प्रदूषण के कारण पहली मृत्यु दर्ज की गयी

हाल ही में यूनाइटेड किंगडम ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इसके मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण एक लड़की की मौत हुई है। लंदन में एक व्यस्त सड़क के पास रहने वाली एक 9 साल की लड़की की सांस की तकलीफ के कारण मृत्यु हुई है।

मुख्य बिंदु

फ़रवरी 2013 में, नौ वर्षीय एला एदो किसी-डेबराह दक्षिण पूर्व लंदन में एक व्यस्त भीड़भाड़ वाली सड़क से 30 मीटर की दूरी पर रहती थीं। 2014 में, एक जांच में पाया गया कि उनकी मृत्यु श्वसन सम्बन्धी समस्या के कारण हुई है। 2019 में, लड़की के परिवार ने जांच को फिर से खोलने के लिए उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर किया तजा।

फैसला में यह कहा गया है कि, एला की मृत्यु अस्थमा के कारण हुई, जो कि अत्यधिक वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से हुआ था। एला दुनिया की पहली व्यक्ति है जिनकी मृत्यु का कारण उनके मृत्यु प्रमाण पत्र पर वायु प्रदूषण बताया गया है।

ब्रिटेन में वायु प्रदूषण

यूनाइटेड किंगडम में वायु प्रदूषण एक प्रमुख समस्या है। ब्रिटेन में बाहरी प्रदूषकों के कारण प्रति वर्ष लगभग 40,000 मौतें समय से पहले होती हैं। गौरतलब है कि इसमें  इनडोर वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें शामिल नहीं हैं। इनडोर प्रदूषण ऊर्जा, सफाई उत्पादों, सिगरेट के धुएं, लकड़ी या कोयला जलने से  उत्पन्न होता है। वायु प्रदूषण से अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी बीमारियाँ पैदा होती हैं।

भारत में वायु प्रदूषण

दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में से 21 भारत में हैं । भारत में 51% वायु प्रदूषण उद्योगों द्वारा, 27% वाहनों द्वारा, 17% फसल जलने और 5% आतिशबाजी के कारण होता है। भारत में कम से कम 140 मिलियन लोग ऐसी हवा में सांस लेते हैं जो WHO द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से दस गुना अधिक है।

भारत में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित उपाय अपनाए गए हैं :

  • वायु प्रदूषण को विनियमित करने के लिए, भारत ने1981 में वायु (प्रदूषण पर रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम पारित किया था। हालांकि, अधिनियम नियमों के खराब प्रवर्तन के कारण प्रदूषण को कम करने में विफल रहा।
  • राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांकशुरू किया गया था।
  • 2019 में, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रमशुरू किया गया था।
Originally written on December 17, 2020 and last modified on December 17, 2020.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *